किशोर-किशोरियों का साथी बनेगा ‘मित्रता क्लब’, शरीर में बदलाव को लेकर अधिकांश परेशान रहते हैं किशोर-किशोरियां
‘मित्रता क्लब’ ऐसे किशोर व किशोरियों का साथी बनेगा जो जो शर्म और संकोच से अपनी बात किसी से नहीं कह सकते। इस क्लब के जरिए वह अपनी समस्या बेङिाझक बताएंगे और क्लब की ओर से उनकी पूरी मदद की जाएगी। इसी उद्देश्यों को लेकर स्वास्थ्य विभाग यह करने जा रहा है।
10 से 19 वर्ष तक की उम्र में शरीर में आने वाले बदलाव को लेकर अधिकांश किशोर-किशोरियां परेशान रहते हैं। संकोच वश वह अपनी बात परिवार के सदस्यों से नहीं कह पाते। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग जिले के 10 ब्लाकों में मित्रता क्लब बनाएगा, जहां किशोरों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। साथ ही उनकी काउंसिलिंग भी की जाएगी। ‘पियर एजूकेशन’ कार्यक्रम के तहत क्लब की निगरानी आशा, एएनएम और पियर एजुकेटर्स (साथी शिक्षक) सदस्य करेंगे। यह मित्रता क्लब सोरांव, कौड़िहार, हंडिया, सैदाबाद, प्रतापपुर, चाका, जसरा, कोरांव, मेजा और करछना में बनेंगे।
क्लब में होगी इनकी भूमिका : पियर एजूकेटर्स अपने गांव के 15 से 19 वर्ष तक के किशोर-किशोरी होंगे। यह ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति के सदस्यों द्वारा योग्यता के आधार पर चुने जाएंगे। साथ ही चुने गए पियर एजूकेटर्स को छह दिनों तक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
अभिभावकों से भी करेंगे बातचीत : राष्ट्रीय किशोरी स्वास्थ्य के जिला समन्वयक नितेश जायसवाल ने कहा कि आशा और एएनएम किशोर-किशोरियों के अभिभावकों को बुलाकर बातचीत करेंगी। उन्हें समझाएंगे कि बच्चों पर बिना वजह का दबाव ना डालें बल्कि उनको रूचि के अनुसार काम करने दें। हर क्लब में एक पियर एजूकेटर्स रहेगा, साथ ही एक-एक हजार की आबादी पर चार पियर एजूकेटर्स की नियुक्ति की जाएगी। एक आशा के अंतर्गत चार पियर एजूकेटर्स कार्य करेंगे।’