स्कूलों में कम रही बच्चों की उपस्थिति
अमेठी : सोमवार को बूंदाबांदी के बीच परिषदीय स्कूलों के कपाट खुल गए। ग्रामीणांचल क्षेत्रों...
अमेठी : सोमवार को बूंदाबांदी के बीच परिषदीय स्कूलों के कपाट खुल गए। ग्रामीणांचल क्षेत्रों में ज्यादातर विद्यालयों के कपाट बारिश के चलते बंद ही रहे, जो विद्यालय खुले भी थे, वहां छात्रों की उपस्थिति न के बराबर रही। ऐसे में लाख कोशिशों के प्रयास के बाद एक बार फिर बेसिक शिक्षा की व्यवस्था औंधे मुंह गिरती दिखी।
जिला मुख्यालय पर स्थित प्राथमिक विद्यालय गौरीगंज प्रथम व द्वितीय, बलीपुर खुर्दवा, मिश्रौली व माडल स्कूल पचेहरी का मुआयना किया गया तो मौके पर समस्त विद्यालयों के शिक्षक उपस्थित रहे, जबकि नामांकन के सापेक्ष छात्रों की उपस्थिति बेहद कम दिखी जो सर्व शिक्षा अभियान के नारे सब पढ़े सब बढ़े को मुंह चिढ़ाने का काम कर रही थी। बात कुछ भी हो, किंतु करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी परिषदीय स्कूलों की दशा व दिशा में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है। फु रसतगंज में परिषदीय विद्यालयों में बच्चे पहले की अपेक्षा ज्यादा उत्साह से स्कूल पहुंचे, लेकिन विभाग की तरफ से निशुल्क मिलने वाली किताब अभी तक बच्चों को उपलब्ध नहीं हो पायी है, जिससे बच्चों को पुरानी किताब से ही काम चलाना पड़ा। प्राथमिक विद्यालय उड़वा में नामाकित 153 बच्चों में 35 बच्चे उपस्थित थे। यहा पर सभी अध्यापक मौजूद थे और पुरानी किताबों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सोमवार को नया सत्र शुरू होने के उपलक्ष्य में स्कूल चलो अभियान के तहत जागरूकता रैली गाव में निकालकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया। इस मौके पर प्रधानाध्यापक ऐजाज अहमद, राकेश कुमार मौर्य, नेहा गुप्ता, ललिता सिंह, राकेश कुमार सिंह सहित सभी शिक्षा मित्र और प्रेरक उपस्थित रहे। प्राथमिक विद्यालय फ रीदपुर परवर में नामाकित 113 बच्चों में 21 बच्चे उपस्थित थे। यही स्थिति प्राथमिक विद्यालय दौलतपुर सिंघरिया की थी। नामाकित 105 में 35 बच्चे उपस्थित थे। इस विद्यालय की हालत सभी स्कूलों से दयनीय है। मुसाफि रखाना विकास खंड के आधा दर्जन प्राइमरी स्कूलों में सोमवार को शिक्षा सत्र के प्रथम दिन बच्चों की उपस्थिति की पड़ताल की गई तो स्कूल चलों अभियान का सच सामने आ गया, जबकि महकमें के जिम्मेदार इस सच को भी झुठला रहें हैं। सुबह लगभग साढ़े नौ बजे क्षेत्र के गल्लामंडी प्राइमरी स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापक रमेश कुमार ने बताया कि कुल 79 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन नौ बच्चे ही उपस्थित हुए हैं। स्कूल में आने-जाने का मार्ग नहीं है और न ही शौचालय दुरूस्त है। ठीक 9.50 पर रामनगर उर्फ नयाकोट प्राथमिक विद्यालय में मौजूद शिक्षामित्र कल्पना ने बताया कि एक भी बच्चे नहीं आये। एक बच्चा सुबह आया था वह भी स्कूल में डंप कूड़ा-करकट देख भाग गया। विद्यालय के खिड़की, दरवाजे चोर उठा ले गये। पूंछने पर पता चला कि नामाकन 39 है और मौजूद एक भी बच्चे नहीं हैं। 10.15 पर बरना प्राथमिक विद्यालय में नामाकन 99 है, लेकिन उपस्थिति मात्र तीन रही। 10.30 पर पूरे मूरा कस्थुनी पश्चिम में नामाकन 49 बच्चों का किया गया है और कुल चार बच्चे ही मौजूद रहे। इस बाबत ईबीओ से संपर्क साधा गया, लेकिन उनका फ ोन स्विच आफ मिला।