रायबरेली : बच्चों और गुरुजी को करनी पड़ती है स्कूल की सफाई, ग्रामीणों के विरोध पर गांव की सफाई ठप
हरचंदपुर (रायबरेली): स्वच्छता कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत शेरी में सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई थी लेकिन जब सफाई कर्मी पहुंचे तो कुछ लोगों ने विरोध कर दिया। इस पर सफाई कर्मियों को वापस लौटना पड़ा। गांव में बीडीओ के निर्देश पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने 10 सफाई कर्मियों को लगाकर एक साथ गांव की सफाई कराने का कार्य शुरू कराया था। लेकिन शुक्रवार को कुछ लोगों के विरोध के चलते ऐसा संभव नहीं हो सका। मामले की जानकारी ग्राम प्रधान ने लिखित रूप से खंड विकास अधिकारी को दी है। ग्राम प्रधान संत रामपाल का कहना है कि स्वच्छता कार्यक्रम के तहत गांव में 10 सफाई कर्मियों को लगाया गया था। शुक्रवार सुबह बाबूलाल के दरवाजे से खड़ंजा तक नाली सफाई का कार्य शुरू हुआ, लेकिन गांव के कुछ लोगों ने भारी विरोध करना शुरू कर दिया। इससे सफाई का कार्य बाधित हो गया। इस पर खंड विकास अधिकारी सुषमा देवी ने विरोध का कारण जानने व स्वयं देखने का आश्वासन दिया।
अधिकारियों से शिकायत के बावजूद स्कूलों में नहीं आते सफाई कर्मचारी, पढ़ाई छोड़कर शिक्षकों और छात्रों को लगानी पड़ती है झाड़ू
स्कूलों पर नजर 1प्राथमिक स्कूल>>19871जूनियर स्कूल>>718 1बच्चों की संख्या>>2 1लाख 65 हजार>>605 1
बच्चों ने निकाली स्कूल चलो रैली
चेयरमैन ने घरों में बांटीं बाल्टियां
जासं, रायबरेली: जिले के प्राथमिक स्कूलों में न तो पढ़ाई का ढर्रा बदल रहा है और न ही अन्य व्यवस्था। हालत ये है कि जिले के सरकारी स्कूलों में सफाई कर्मी नहीं आते। ऐसे में शिक्षकों और बच्चों को खुद ही परिसर की सफाई करनी पड़ती है। यही नहीं, 70 फीसद स्कूल बिना चहारदीवारी के हैं। साथ ही शौचालयों का भी बुरा हाल है। 1सरकारी स्कूलों में सफाई की व्यवस्था सफाई कर्मियों के हाथ में है लेकिन सफाईकर्मी स्कूलों में कभी झाड़ू नहीं लगाते। इस बाबत कई बार बीएसए स्तर से पंचायत विभाग को कहा गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। हर दिन सुबह स्कूल खुलते हैं तो सफाई करने में बच्चे व शिक्षक जुटते हैं। जहां पर शिक्षक लेटलतीफ होते हैं तो बच्चे ही स्कूल में झाड़ू लगाते हैं। 170 फीसद स्कूल बिना चहारदीवारी के: सत्तर फीसद सरकारी स्कूल बिना चहारदीवारी के हैं। ऐसे में न केवल स्कूल परिसर में ग्रामीणों का कब्जा रहता है, बल्कि अक्सर मिड डे मील का सामान भी चोर पार कर ले जाते हैं। ऊंचाहार के 108 प्राथमिक स्कूलों में 18 में चहारदीवारी नहीं है। 17 स्कूलों में धन आया लेकिन वह बन न सके। जूनियर में 27 में 11 में चहारदीवारी नहीं है। डीह में 86 में 52 में चहारदीवारी नहीं है। छतोह में 28 स्कूल बाउंड्री विहीन हैं। डलमऊ में हालत ये है कि 194 में से 88 विद्यालय बाउंड्रीविहीन हैं। बछरावां के 56 स्कूलों में चहारदीवारी नहीं है। वहीं, 41 स्कूलों के शौचालय जर्जर हैं।1जिम्मेदारों को गांधीवादी तरीके से जगा रहे: लालगंज संवादसूत्र के अनुसार दीया तले अंधेरा वाली कहावत लालगंज के प्राथमिक विद्यालय लालगंज राजकीय में चरितार्थ हो रही है। ब्लाक कार्यालय के सामने स्थित होने के साथ ही बीआरसी परिसर में स्थित विद्यालय में ही पिछले आठ माह से सफाई कर्मचारी नहीं पहुंचा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार किस प्रकार से प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने में जुटे हैं। 1विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष महेंद्र यादव सप्ताह में दो दिन पूरे परिसर में झाड़ू लगाकर सफाई करने में जुटे हैं। वे बच्चों से झाड़ू न लगवाकर शिक्षकों के लिए नजीर पेश कर रहे हैं, वहीं जिम्मेदारों को गांधीवादी तरीके से जगाने में जुटे हैं। लालगंज-रायबरेली मुख्य मार्ग पर ब्लाक कार्यालय के सामने खंड शिक्षाधिकारी एवं ब्लाक संसाधन केंद्र स्थित है। इसी में अंग्रेजी माध्यम से संचालित प्राथमिक विद्यालय राजकीय भी संचालित हैं। इसमें 174 बच्चे पंजीकृत हैं। 1प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष एवं ब्लाक अध्यक्ष महेंद्र यादव यहां प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं। शुक्रवार को जब जागरण टीम सुबह 7.30 बजे उक्त स्कूल पहुंची तो प्रधानाध्यापक विद्यालय परिसर में झाड़ू लगाती दिखे। बताया कि विद्यालय की चुस्त-दुरुस्त सफाई व्यवस्था को लेकर उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी, खंड विकास अधिकारी से लेकर जिले स्तर तक उच्चाधिकारियोंको प्रार्थना पत्र दिया लेकिन सफाई कर्मी विद्यालय नहीं पहुंचा। गंदगी फैलती देख उन्होंने स्वयं सफाई करने का निर्णय लिया। अब वे सप्ताह में दो बार स्वयं पूरे परिसर में झाड़ू लगाकर सफाई करने में जुटे हैं। 1खीरों संवादसूत्र के अनुसार विकास क्षेत्र के ब्लाक मुख्यालय की नाक के नीचे बना प्राथमिक विद्यालय छत्ता का पुरवा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। हालत ये है कि यहां पर फरवरी माह में सफाई कर्मी ने झाड़ू लगाई थी। इसके बाद से अभी तक झाड़ू नहीं लग सकी है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश यादव ने बताया कि कई बार ग्राम प्रधान ए बीडीओ को लिखित शिकायती पत्र देने के बावजूद पिछले एक वर्ष में मात्र फरवरी माह में ही एक दिन सफाई कर्मी ने विद्यालय की सफाई की थी। हमेशा विद्यालय की सफाई शिक्षक खुद करते हैं। विद्यालय गांव के बाहर खेतों में बना हुआ है। बीच में एक तालाब होने के कारण विद्यालय के आवागमन का रास्ता नहीं है। बच्चे और शिक्षक खेतों की मेड़ से होकर आते-जाते हैं।जासं, रायबरेली: जिले के प्राथमिक स्कूलों में न तो पढ़ाई का ढर्रा बदल रहा है और न ही अन्य व्यवस्था। हालत ये है कि जिले के सरकारी स्कूलों में सफाई कर्मी नहीं आते। ऐसे में शिक्षकों और बच्चों को खुद ही परिसर की सफाई करनी पड़ती है। यही नहीं, 70 फीसद स्कूल बिना चहारदीवारी के हैं। साथ ही शौचालयों का भी बुरा हाल है। 1सरकारी स्कूलों में सफाई की व्यवस्था सफाई कर्मियों के हाथ में है लेकिन सफाईकर्मी स्कूलों में कभी झाड़ू नहीं लगाते। इस बाबत कई बार बीएसए स्तर से पंचायत विभाग को कहा गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। हर दिन सुबह स्कूल खुलते हैं तो सफाई करने में बच्चे व शिक्षक जुटते हैं। जहां पर शिक्षक लेटलतीफ होते हैं तो बच्चे ही स्कूल में झाड़ू लगाते हैं। 170 फीसद स्कूल बिना चहारदीवारी के: सत्तर फीसद सरकारी स्कूल बिना चहारदीवारी के हैं। ऐसे में न केवल स्कूल परिसर में ग्रामीणों का कब्जा रहता है, बल्कि अक्सर मिड डे मील का सामान भी चोर पार कर ले जाते हैं। ऊंचाहार के 108 प्राथमिक स्कूलों में 18 में चहारदीवारी नहीं है। 17 स्कूलों में धन आया लेकिन वह बन न सके। जूनियर में 27 में 11 में चहारदीवारी नहीं है। डीह में 86 में 52 में चहारदीवारी नहीं है। छतोह में 28 स्कूल बाउंड्री विहीन हैं। डलमऊ में हालत ये है कि 194 में से 88 विद्यालय बाउंड्रीविहीन हैं। बछरावां के 56 स्कूलों में चहारदीवारी नहीं है। वहीं, 41 स्कूलों के शौचालय जर्जर हैं।1जिम्मेदारों को गांधीवादी तरीके से जगा रहे: लालगंज संवादसूत्र के अनुसार दीया तले अंधेरा वाली कहावत लालगंज के प्राथमिक विद्यालय लालगंज राजकीय में चरितार्थ हो रही है। ब्लाक कार्यालय के सामने स्थित होने के साथ ही बीआरसी परिसर में स्थित विद्यालय में ही पिछले आठ माह से सफाई कर्मचारी नहीं पहुंचा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार किस प्रकार से प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने में जुटे हैं। 1विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष महेंद्र यादव सप्ताह में दो दिन पूरे परिसर में झाड़ू लगाकर सफाई करने में जुटे हैं। वे बच्चों से झाड़ू न लगवाकर शिक्षकों के लिए नजीर पेश कर रहे हैं, वहीं जिम्मेदारों को गांधीवादी तरीके से जगाने में जुटे हैं। लालगंज-रायबरेली मुख्य मार्ग पर ब्लाक कार्यालय के सामने खंड शिक्षाधिकारी एवं ब्लाक संसाधन केंद्र स्थित है। इसी में अंग्रेजी माध्यम से संचालित प्राथमिक विद्यालय राजकीय भी संचालित हैं। इसमें 174 बच्चे पंजीकृत हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष एवं ब्लाक अध्यक्ष महेंद्र यादव यहां प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं। शुक्रवार को जब जागरण टीम सुबह 7.30 बजे उक्त स्कूल पहुंची तो प्रधानाध्यापक विद्यालय परिसर में झाड़ू लगाती दिखे। बताया कि विद्यालय की चुस्त-दुरुस्त सफाई व्यवस्था को लेकर उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी, खंड विकास अधिकारी से लेकर जिले स्तर तक उच्चाधिकारियोंको प्रार्थना पत्र दिया लेकिन सफाई कर्मी विद्यालय नहीं पहुंचा। गंदगी फैलती देख उन्होंने स्वयं सफाई करने का निर्णय लिया। अब वे सप्ताह में दो बार स्वयं पूरे परिसर में झाड़ू लगाकर सफाई करने में जुटे हैं।
खीरों संवादसूत्र के अनुसार विकास क्षेत्र के ब्लाक मुख्यालय की नाक के नीचे बना प्राथमिक विद्यालय छत्ता का पुरवा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। हालत ये है कि यहां पर फरवरी माह में सफाई कर्मी ने झाड़ू लगाई थी। इसके बाद से अभी तक झाड़ू नहीं लग सकी है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश यादव ने बताया कि कई बार ग्राम प्रधान ए बीडीओ को लिखित शिकायती पत्र देने के बावजूद पिछले एक वर्ष में मात्र फरवरी माह में ही एक दिन सफाई कर्मी ने विद्यालय की सफाई की थी। हमेशा विद्यालय की सफाई शिक्षक खुद करते हैं। विद्यालय गांव के बाहर खेतों में बना हुआ है। बीच में एक तालाब होने के कारण विद्यालय के आवागमन का रास्ता नहीं है। बच्चे और शिक्षक खेतों की मेड़ से होकर आते-जाते हैं।प्राथमिक विद्यालय लालगंज राजकीय में सफाईकर्मी के न आने पर स्कूल परिसर में झाड़ू लगाते प्रधानाध्यापक महेंद्र यादव तथा (दाएं) खीरों क्षेत्र के छत्ता का पुरवा स्थित प्रावि के कक्ष में फैली गंदगीसफाई कर्मियों को स्कूल में साफ-सफाई रोजाना करनी चाहिए। कोई निर्देश नहीं दिया गया है कि स्कूलों में सफाई करने सफाई कर्मी नहीं जाएंगे। इस मामले की जांच होगी। 1-चंद्र किशोर वर्मा, जिला पंचायती राज अधिकारीसंवादसूत्र, लालगंज (रायबरेली) : उच्च प्राथमिक विद्यालय पूरे प्रान सिंह मजरे ऐहार के बच्चों ने स्कूल चलो रैली निकाली। रैली का शुभारंभ प्रधानाध्यापिका योगमाया शुक्ला ने हरी झंडी दिखाकर किया।
शिक्षक मनोज पांडेय, ग्राम प्रधान राजलक्ष्मी सिंह, पूर्व प्रधान राजकिशोर बघेल के नेतृत्व में रैली निकलते हुए ऐहार इंटर कालेज पहुंची। वहां से रैली गांव का भ्रमण करते हुए वापस स्कूल पहुंची। इस अवसर पर बच्चों ने हाथो में ली हुई तख्तियों पर लिखे स्लोगनों व नारों के माध्यम से बच्चों से स्कूल चलने का आवाहन किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य इस्माइल भुट्टो, शंकुल प्रभारी कीर्ति मनोहर शुक्ला, सुनीता वर्मा, ममता यादव, विनीता सिंह, रश्मि कुमारी, स्वाती यादव, अशोक आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।1किताबें पाकर चहके बच्चे : पूर्व माध्यमिक विद्यालय दीनशाह गौरा में शुक्रवार को ड्रेस और किताबें बांटी गईं। मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय वीरेंद्र कनौजिया ने बच्चों को उनकी ड्रेस और किताबें उपलब्ध कराईं।
संवादसूत्र, परशदेपुर: नगर पंचायत परशदेपुर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सूखा और गीला कचरा रखने के लिए चेयरमैन व सभासदों ने शुक्रवार को घर-घर जाकर लोगों को दो-दो बाल्टियां वितरित कीं।
शुक्रवार को नगर पंचायत अध्यक्ष विनोद कौशल ने वार्ड नंबर एक से शुरुआत की। चेयरमैन ने लोगों से कहा कि आप लोगों के सहयोग से ही परशदेपुर आदर्श नगर पंचायत बनेगा। उन्होंने कहा कि जो बाल्टी दी गई है एक बाल्टी में सूखा कचरा व दूसरे में गीला कचरा रखना है। उसके बाद नगर के सफाई कर्मी हर दरवाजे पहुंचकर उस कचरे को गाड़ी में डाल देंगे। अभियान के तहत पहले दिन नगर के वार्ड नंबर एक व दो में लगभग दो हजार लोगों को कचरे की बाल्टी दी गई। चेयरमैन ने बताया कि नौ लाख 70 हजार रुपये की लागत से नगर के 24 सौ परिवारों को पांच हजार बाल्टियों का वितरण करना है।स्कूल चलो अभियान के तहत शुक्रवार को पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रानसिंह मजरे ऐहार में जागरूकता रैली निकालते छात्र-छात्रएं ’ जागरण