बच्चों के बीच ड्रेस बांटने में सुस्ती
संतकबीर नगर : परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को मुफ्त ड्रेस वितरण की योजना भी लेटलतीफी की शिकार हो गई है। ग्रीष्मावकाश के बाद बच्चों का नाप लेकर पहले सात जुलाई फिर 15 जुलाई तक ड्रेस बांटने का निर्देश दिया गया पर ऐसा नहीं हो सका। विद्यालय प्रबंध समिति दावों पर खरी नहीं उतर पाईं। इसलिए अब तक 69 फीसद विद्यालय में ड्रेस नहीं वितरित की गई है। इसके लिए बीएसए ने प्रधानाध्यापकों व खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रबंध समिति के पदाधिकारियों से संपर्क करके जल्द से जल्द ड्रेस वितरण करके रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित कराएं।
बीएसए कार्यालय में दर्ज प्रगति के आंकड़ों के अनुसार ड्रेस वितरण की प्रगति हर ब्लाक में दयनीय है। खंड शिक्षा अधिकारियों व विद्यालय प्रबंध समिति की सुस्ती से बच्चे ड्रेस से वंचित हो रहे हैं। खलीलाबाद ब्लाक, बेलहर व हैसर में ड्रेस बांटी गई है। ¨कतु दर्जनों विद्यालयों में अभी तक बच्चों का नाप तक नहीं लिया जा सका है।
जनपद के नौ ब्लाक में 1518 परिषदीय, 34 सहायता प्राप्त, 35 माध्यमिक सहायता प्राप्त विद्यालय व 15 अनुदानित मदरसा में कुल 1,46, 742 बच्चों में गुणवत्तापूर्ण ड्रेस वितरित करने के लिए एक-एक सेट का 2, 94,48,400 रुपये की धनराशि भेजी गई है। ¨कतु अभी तक महज 30 फीसद के करीब ड्रेस दिया जा सका है। इस हिसाब से देखा जाए तो ड्रेस वितरण की प्रगति बेहद धीमी है।
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जिम्मेदार बेपरवाह, व्यवस्था पर सवाल
सर्व शिक्षा अभियान में सरकार जहां एक जिले में करोड़ों रुपये व्यय कर रही है। वहीं विभाग भी इस पैसे को मनमाफिक खर्च कर रहा है नियम- आदेश ताक पर रख दिए गए हैं। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिये सर्व शिक्षा अभियान के तहत निश्शुल्क यूनिफार्म छात्रों को दी जानी थी। राज्य परियोजना निदेशक ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश भेजे थे। ड्रेस का वितरण विद्यालय खुलते ही कर दिया जाए। छात्रों को ड्रेस न मिलने
के कारण बच्चें ऐसे तैसे विद्यालय पहुंच रहे है। यह स्थिति तक है जब तीन अप्रैल को जिले में आकर स्वयं
मुख्यमंत्री ने सर्व शिक्षा अभियान का शुभारंभ करके बैंग, पुस्तक व ड्रेस वितरित किया था।
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यहां इतने बच्चें
-जिले में परिषद के 1075 प्राथमिक विद्यालय में 52,083 बालिकाएं के साथ 100270 बच्चों के लिए 20054000 रुपये भेजा गया है। 443 उच्च
प्राथमिक विद्यालय में 15,092 बालिकाओं के साथ 29,743 बच्चों के लिए 5948600 रुपया स्वीकृत किया गया है। 34 अनुदानित उच्च प्रावि 1972 बालिकाओं के साथ कुल 4919 बच्चों के लिए 983800 रुपया, 35 माध्यमिक सहायता प्राप्त प्राप्त विद्यालय के 4203 बालिकाओं के साथ कुल 8428 विद्यार्थियों में 1685600 रुपये प्रबंध समिति के खाते में भेजा गया। जबकि 15 अनुदानित मदरसा में अध्ययनरत 433 बालिकाएं सहित कुल 3382 बच्चों के लिए 676400 रुपया भेजा गया।
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सस्ता कपड़ा खरीदा
प्राइमरी स्कूल में छात्रों को मिली ड्रेस में लापरवाही मिल रही है। बच्चों के बिना नाप लिए ड्रेस
बनवाया जा रहा है। शिकायत पर बच्चें बढ़ते है थोड़ा बड़ा ठीक रहता है कहकर बात टाली जा रही है। एक शिक्षक ने बताया कि दुकान पर तीन कपड़े की क्वालिटी मौजूद थी। मध्यम वाला कपड़ा लिया गया। बाजार में तो 170 व 180 रुपये की ड्रेस भी मौजूद है।
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यह है आदेश
- विद्यालय के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण ड्रेस जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दिया जाए।
- यूनिफार्म की सिलाई एवं वितरण से संबधित अभिलेख को सुरक्षित रखा जाए।
- विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा क्रय समिति के गठन की पुष्टि की जाए
- ड्रेस की नाप टेलर द्वारा होनी चाहिए।
- ड्रेस विलंब से प्रात्त हुई है तो सूचना देकर कार्रवाई हो।
- ड्रेस का वितरण अभिभावक के हस्ताक्षर के बाद ही किया जाये।
- ड्रेस के पैसे को एकाउंट चेक द्वारा भुगतान करें।
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पूरा पैसा न पहुंचने से समस्या
- ड्रेस के लिए अभी आधा पैसा ही दिया गया है। एक सेट का ही पैसा विद्यालय प्रबंध समिति के खाता में पहुंचा है। इससे भी ड्रेस का वितरण नहीं हो सका है। अधिक बच्चों की संख्या वाले विद्यालय में निविदा से प्रक्रिया पूरी करने का फरमान है। निर्धारित रकम में ही बच्चों को ड्रेस मिल और देरी न हो इसके लिए एक स्थान पर ही अधिकांश में आर्डर बुक कर लिया है।
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बच्चों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण ड्रेस
-बच्चों को उनके नाप के अनुसार गुणवत्तापूर्ण ड्रेस देने के प्रबंध समिति के खाते में धनराशि भेजी गई। कुल 1602 विद्यालय में 1,46742 बच्चों में ड्रेस बांटना है। ड्रेस बांटने की सूचना के बाद शेष धनराशि भेजी जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार की लारवाही अक्षम्य होगी।
-सत्येंद्र कुमार ¨सह
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी