फर्रुखाबाद : स्कूल की इमारत, बाल-बाल बचे बच्चे
थाना जहानगंज क्षेत्र में बरसात में अचानक विद्यालय गिरने से बड़ा हादसा टल गया। क्योंकि जिस समय भवन गिरा उस समय बच्चे विद्यालय में नही थे।
बाल बाल बचे बच्चे:
विकास खंड कमालगंज के इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय जहानगंज में ही जूनियर विद्यालय है। इंग्लिश मीडियम में कुल 119 छात्र पंजीकृत है। बीते दिन से हो रही बरसात से भवन पानी से भीग गया। जिसके बाद बीती रात वह अचानक भरभरा कर गिर भी गया| जिस समय भवन भरभरा कर गिरा उस समय बरसात हो रही थी। वही विद्यालय में जल भराव होंने से कोई छात्र पढने नही गया था।
अधिकारियों की लापरवाही:
विद्यालय के प्रधानाचार्य कुलदीप यादव ने बताया कि उन्होंने विद्यालय में जल भराव होने के कारण किसी भी छात्र को जाने नही दिया। विद्यालय के बच्चो को जूनियर में बैठाया गया है। भवन की हालत को लेकर पहले भी अधिकारियों को अवगत कराया गया था लेकिन कोई सुनवाई नही हुई थी।
तालाब की नहीं करायी बोरिंग:
जहानगंज कस्बे में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल चल रहा था उसके पास में ही बहुत गहरा तालाब है वर्तमान समय मे उसमे बरसात के पानी के साथ गंदकी भी बहुत भरी हुई है। तालाब में पानी अधिक हो जाने के कारण पानी और गंदकी स्कूल के अंदर पहुंच गई। उसी वजह से बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया। उस तालाब में पहले भी कई बच्चे डूब चुके है। लेकिन प्रसाशन ने उस तालाब में कोई भी बोरिंग नही कराई जिससे उसका पानी बाहर न जा सके। तालाब की वजह से ही स्कूल का भवन गिर गया।
भगवान की मेहरवानी थी कि जिस समय भवन गिरा बच्चे स्कूल में नही पहुंचे थे। यदि उस तालाब का इंतजाम नही किया गया तो आगे कोई भी हादसा हो सकता है। जिस तालाब की वजह कई बार झगड़े भी हो चुके है।
और भी कई विद्यालय हैं ज़र्ज़र हालत में:
कमालगंज नगर में बीआरसी में कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय का भवन भी जर्जर है। जिसकी कई बार शिकायत की जा चुकी है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी किसी बड़े हादसे के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठे है।वही सदर क्षेत्र में तलैया फजल इमाम में कन्या प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय बालक, एक पुराने कमरे व टूटी हुई टीन शेड में चल रहा है।
अंगूरी बाग स्थित प्राथमिक विद्यालय इस प्रकार से चार स्कूल चल रहे है अमृतपुर क्षेत्र में गुजरपुर गहलवार में एक ही कमरे में एक से लेकर कक्षा पांच तक कि पढाई होती है दो भूकम्प रोधी कक्ष का निर्माण कराया गया था वह टपकते है जो पुरानी इमारत थी वह टूट चुकी है।
कही न कही शिक्षा विभाग मासूम बच्चों की ज़िन्दगी को दांव पर लगाए बैठा है। क्या जब कोई बड़ा हादसा हो जायेगा तभी उसकी आँखें खुलेगी?