शिक्षकों पर बढ़ा एमडीएम का बोझ
संवाद सहयोगी, अजीतमल: परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को दिया जाने वाला मध्यान्ह भोजन का बोझ अब मास्ट...
संवाद सहयोगी, अजीतमल: परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को दिया जाने वाला मध्यान्ह भोजन का बोझ अब मास्टर साहब की जेब पर बढ़ गया। मई और जुलाई माह का खाद्यान्न विद्यालयों में न आने से कार्यवाही से बचने के लिये, जुलाई में बच्चों को खिलाने के लिये कर्जा लेकर व्यवस्था अब गुरुजी को स्वयं करनी पड़ रही है। इस मामले में सम्बन्धित विभाग के आला अफसरान मोबाइल तक रिसीव न करके अव्यवस्था से मुंह छिपाते नजर आ रहे हैं। शिक्षकों के हितों की बात करने वाले शिक्षक संघ के नेतागण भी इस अव्यवस्था पर अभी तक मौन धारण किये हुए हैं। परिषदीय विद्यालयों में विद्यालय आने वाले बच्चों को शासन द्वारा मिड डे मील योजना चलाई जा रही है। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिये विभाग ने कई कड़े दिशा निर्देश तो जारी कर दिये। दिनवार दिये जाने वाला पोषाहार भी निर्धारित कर दिया। न बनने पर सम्बन्धित विद्यालय के जिम्मेदार पर कार्यवाही के आदेश भी दे दिये। लेकिन विद्यालयों को राशन उपलब्ध न होने की अव्यवस्था में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। सूत्रों की मानें तो परिषदीय विद्यालयों में मई और जुलाई माह का खाद्यान्न ही नहीं भेजा गया। जुलाई से विद्यालय खुल गये हैं। अब गुरुजी के सामने इन बच्चों को मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करने की पीड़ा सामने आ रही है। और नौकरी बचाने के लिये अपनी जेब से या फिर लोगों से कर्जा लेकर मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करनी पड़ रही है। वहीं शिक्षक हितों की बात करने वाले विभिन्न शिक्षक संघ के नेतागण भी गुरूजी की इस पीड़ा के बारे में अब तक मौन धारण किये हुये हैं। इस बारे में जब एफसीआई गोदाम के एसएमआई अभिनव श्रीवास्तव से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि मई से लेकर अब तक विद्यालयों के लिये कोई खाद्यान्न नहीं भेजा गया है। इसलिये उठान नहीं हुई। जब विद्यालयों के लिये खाद्यान्न भेजा जायेगा। तभी विद्यालयों के लिये सम्बन्धित डीलर के माध्यम से विद्यालय में पहुंच सकेगा। जब इस अव्यवस्था के बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी ¨सह व अजीतमल के खंड शिक्षा अधिकारी सुधीर गुप्ता से जानकारी करने की कोशिश की तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।