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इलाहाबाद : बेसिक स्कूलों में शिक्षक व स्टाफ की जानकारी देने का मिला समय, कोर्ट में हाजिर हुए बेसिक शिक्षा परिषद सचिव, हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

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इलाहाबाद : बेसिक स्कूलों में शिक्षक व स्टाफ की जानकारी देने का मिला समय, कोर्ट में हाजिर हुए बेसिक शिक्षा परिषद सचिव, हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

🔴 एएमयू के चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति रद

🌕 दुकान क्षतिग्रस्त मामले में रिपोर्ट पेश

विधि संवाददाता, इलाहाबाद 1बेसिक स्कूलों में शिक्षकों व स्टाफ के स्वीकृत पदों की जानकारी देने के संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सोमवार को कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने के लिए समय मांगा। जिस पर कोर्ट ने 26 जुलाई को पूरी जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।1कोर्ट ने पूछा था कि बेसिक शिक्षा के स्कूलों में स्टाफ व शिक्षकों के स्वीकृत पदों का डाटा उपलब्ध है या नहीं? यदि नहीं, तो कितने दिन में डाटा तैयार कर लेंगे और उसे बेवसाइट पर अपलोड कर देंगे? कोर्ट ने यह भी पूछा था कि क्या अध्यापकों के खाली पदों को भरने की अनुमति लेने के बजाय स्वत: पद भरने का सिस्टम बनाया जा सकता है, ताकि छात्रों को शिक्षण सत्र शुरू होते ही शिक्षक मिल सकें। 1क्या ऐसा सिस्टम नहीं बन सकता जिससे अध्यापकों की भर्ती के अनुमोदन में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर अर्थदंड लगाया जा सके? यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने प्रबंध समिति नागेश्वर प्रसाद पीएमवी स्कूल देवरिया की याचिका पर दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति रद कर दी है। इन्हें विज्ञापित पद से इतर पद पर नियुक्त किया गया था। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को नियमानुसार नए सिरे से नियुक्ति की छूट दी है। 1यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति इफाकत अली की खंडपीठ ने कमाल उल्लाह की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याची को भी कोई राहत नहीं दी है। कहा है कि टर्म खत्म होने के बाद याची को गेस्ट लेक्चरर के पद पर कार्य करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने उन्हें कार्य करने देने का निर्देश देने से इन्कार कर दिया है। मालूम हो कि कई विभागों के विभिन्न पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। सांख्यिकी और आपरेशन रिसर्च विभाग में भी पद विज्ञापित थे। याची सहित विपक्षियों ने एसोसिएट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए अर्जी दी थी। योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण चयन समिति ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चार लोगों को चयनित कर लिया। जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी।1कोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय की परिनियमावली में ऐसा कोई नियम नहीं है जिससे चयन समिति को विज्ञापित पद से नीचे के पद पर चयन करने का अधिकार मिला हो। ऐसे पद को विज्ञापित ही नहीं किया गया और समिति ने चयन कर लिया। इस चयन को नियमानुसार नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया है।रूह अफजा पर साढ़े 12 फीसद टैक्स का आदेश वैध1विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स हमदर्द (वक्फ) लेबोरेट्रीज के शर्बत रूह अफजा पर टैक्स लगाने के मामले में कहा है कि यह फ्रूट डिंक, फ्रूट जूस नहीं है, यह फ्रूट प्रोसेसिंग से भी नहीं बना है। यह चीनी युक्त सीरप/शर्बत मात्र है। इसलिए इस पर चार फीसद के बजाए 12.5 फीसद टैक्स लगाना उचित है। कोर्ट ने रूह अफजा को शर्बत मानते हुए 12.5 फीसद टैक्स लगाने के कामर्शियल टैक्स अधिकरण के आदेश को वैध करार दिया है और हमदर्द कंपनी की पुनरीक्षण याचिकाओं को खारिज कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने गाजियाबाद की मेसर्स हमदर्द वक्फ लेबोरेट्रीज कंपनी की 22 याचिकाओं को एक साथ तय करते हुए दिया है। याची कंपनी का कहना था कि शर्बत रूह अफजा फल से बना है, इसलिए उस पर चार फीसद टैक्स लगना चाहिए। लेकिन, कामर्शियल टैक्स अधिकरण ने इसे फ्रूट प्रोडक्ट यानि फलों से बना उत्पादन नहीं माना और कहा कि सिंथेटिक व चीनी से निर्मित होने के चलते यह शर्बत है और फल से न बना होने के कारण टैक्स छूट की श्रेणी का प्रोडक्ट नहीं है इसलिए इस पर साढ़े 12 फीसद टैक्स लगाना उचित है।विधि संवाददाता, इलाहाबाद : काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित मुन्नी देवी की दुकान की यथास्थिति कायम रखने के मामले में जिला जज वाराणसी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट ने याची अधिवक्ता को एक सप्ताह में आपत्ति दाखिल करने का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्त ने मुन्नी देवी की अवमानना याचिका पर दिया है। मालूम हो कि मंदिर के सीईओ के माध्यम से गंगा पाथ वे और विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर योजना के तहत आसपास के कई मकान राज्यपाल के नाम से खरीद लिए गए। इन मकानों में कई साल से रह रहे किरायेदारों की दुकानें है। इस प्रकरण में याची की दुकान की यथास्थिति कायम रखने का आदेश है। मंदिर प्रशासन ने ठेकेदार के माध्यम से दुकान के ऊपर का हिस्सा गिरा दिया। जिस पर अवमानना याचिका दायर कर यथास्थिति आदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए कमिश्नर, जिलाधिकारी, एसएसपी आदि अधिकारियों को दंडित करने की मांग की। कोर्ट ने एक दर्जन अधिकारियों को तलब कर फटकार लगाई। जिलाधिकारी ने कोर्ट को बताया याची की दुकान नहीं गिराई गई है। दुकान के ऊपर का हिस्सा गिराया गया है। जबकि याची का कहना था कि ऊपर की दुकान गिराने में उसकी दुकान का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए कोर्ट ने जिला जज वाराणसी से मौके की रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी। मंदिर प्रशासन व सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने पक्ष रखा।

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