कस्बों में बिना मान्यता के चल रहे कई स्कूल
संवादसूत्र, बकेवर : बकेवर, लखना, महेवा, अहेरीपुर कस्बों में कई पब्लिक स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। अभिभावक भ्रमित हो रहे हैं। नाम कटाने पर टीसी कहीं सुदूर विद्यालय से कटवा कर लाकर देते हैं। सीबीएससी का बोर्ड लगाए हैं और मान्यता यूपी बोर्ड की भी नहीं है। संचालकों ने हाईस्कूल पास युवक युवतियों को अध्यापन में लगा रखा है।
महेवा ब्लॉक क्षेत्र में हर साल दो-चार नए पब्लिक स्कूल खुल जाते हैं। नया शिक्षण सत्र जुलाई से आरंभ होते ही इन पब्लिक स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों का दाखिला कराने की होड़ सी लगी है। इन विद्यालयों के संचालकों द्वारा जुलाई, अगस्त माह में दाखिले के समय अभिभावकों को छात्र-छात्राओं को कई तरह की सुविधाएं देने के आश्वासन दिए जाते हैं। बच्चों को दक्षिण भारत के अध्यापकों से अंग्रेजी में शिक्षा देने, बच्चों को जल्द ही फर्राटे से अंग्रेजी बोलने लगने का आश्वासन दिया जाता है। जबकि हकीकत यह है कि कई पब्लिक स्कूलों के संचालक से लेकर विद्यालय के कई शिक्षकों तक को अंग्रेजी बोलनी नहीं आती है। अधिकांश स्कूलों में संचालकों द्वारा दो-दो, तीन-तीन हजार में पढ़ाने के लिए हाईस्कूल पास तक अध्यापिक रख लिए गए हैं।अभिभावकों से मोटी फीस वसूलकर उन्हें शिक्षा के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। इनमें से कई स्कूलों के पास तो पांचवीं तक की मान्यता नहीं है जबकि संचालक 8वीं और दसवीं तक कि कक्षाएं चला रहे हैं। प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद इन बिना मान्यता प्राप्त संचालित स्कूलों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे परंतु महेवा ब्लॉक में शिक्षा विभाग के ही अधिकारियों की सांठगांठ से दर्जनों स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। बीएसए अजय कुमार ¨सह ने बताया कि ऐसे स्कूलों की सूची बनाकर उनको नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जनपद में खंड शिक्षा अधिकारियों की कमी के चलते इन अमान्य विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई में देरी हो रही है।