यूनीफार्म की गुणवत्ता खराब मिली तो नपेंगे हेडमास्टर
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को वितरित की जा रही यूनीफार्म में घपले की बू आने लगी है।...
बदायूं : परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को वितरित की जा रही यूनीफार्म में घपले की बू आने लगी है। शिकायतें मिल रही हैं कि माफिया शिक्षकों को जबरन यूनीफार्म मुहैया कराकर चेक हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की शिकायतें संज्ञान में आने पर जिला प्रशासन ने प्रधानाध्यापकों को सचेत किया है कि यूनीफार्म की गुणवत्ता से समझौता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुझाव यह भी दिया गया है कि किसी के दबाव में न आएं और नियम के अनुसार ही बच्चों को यूनीफार्म उपलब्ध कराएं। प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को यूनीफार्म वितरण मुफ्त किए जा रहे हैं। प्रत्येक बच्चे को दो सेट यूनीफार्म मुहैया कराने के लिए सरकार से 400 रुपये आवंटित किए गए हैं। शासन की व्यवस्था तो यह है कि शिक्षक-अभिभावक समिति के निर्देशन में नजदीकी दर्जी से नाप लेकर बच्चों के साइज का ड्रेस सिलवाया जाए, लेकिन व्यवहार में ऐसा नहीं हो रहा है। ठेकेदारों के माध्यम से विद्यालयों में यूनीफार्म थोक में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसमें विभागीय अधिकारियों के साथ सफेदपोशों की मिलीभगत की भी चर्चाएं आम हैं। बताते हैं कि शहर से लेकर कस्बों तक भारी मात्रा में यूनीफार्म सिलवाकर विद्यालयों में जबरन पहुंचाएं जा रहे हैं। उनकी गुणवत्ता भी खराब मिल रही है। कहीं अफसरों तो कहीं नेताओं के दबाव में शिक्षक मुंह नहीं खोल पा रहे हैं। जिला प्रशासन ने शिक्षकों को अगाह किया है कि यूनीफार्म में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न करें। डीएम दिनेश कुमार ¨सह ने जिला स्तरीय अधिकारियों की कमेटी गठित की है जो विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर यूनीफार्म की गुणवत्ता परखेगी। जहां गुणवत्ता खराब मिलेगी वहां जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को गुणवत्तापरक यूनीफार्म उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। शिक्षकों को हिदायत दी गई कि किसी के दबाव में न आएं, कहीं कोई अनैतिक दबाव बनाने की कोशिश करता है तो सीधे उनके पास आएं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हर बच्चे को गुणवत्ता परक यूनीफार्म ही मुहैया कराएं। लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- दिनेश कुमार ¨सह, जिलाधिकारी