सीतापुर : शुक्रवार को अवकाश और रविवार को खुलता है स्कूल
लहरपुर कस्बे के गांधीनगर वार्ड स्थित प्राथमिक विद्यालय के बोर्ड पर दर्ज कर दिया गया इस्लामिक स्कूल
इस्लामिया की तर्ज पर लहरपुर में चल रहे तीन प्राथमिक सरकारी स्कूल
सीतापुर । लहरपुर कस्बा के गांधीनगर वार्ड के प्राथमिक विद्यालय के बोर्ड पर इस्लामिक स्कूल दर्ज है। प्राथमिक विद्यालय शाहुकुली व सुल्तानापुर शाहपुर के बोर्ड पर उर्दू मीडियम लिखा है। इन तीनों विद्यालयों के प्रधानाध्यापक भी मुस्लिम हैं। एमडीएम के मीनू चार्ट पर शुक्रवार अवकाश और रविवार को तहरी वितरण दर्ज है। यानि इन तीनों सरकारी विद्यालयों के जिम्मेदार अपना कानून व संविधान चला रहे हैं। इसके बावजूद बेसिक शिक्षा महकमे के जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे हैं।
शिक्षाविद पूर्व प्रधानाचार्य गन्ना विकास समिति इंटर काॠलेज परसेंडी कमलेश वर्मा कहते हैं कि शिक्षा समाज को दिशा देने का काम करती है। इस कार्य में बुनियादी शिक्षा का बहुत ही अहम रोल होता है। बालमन में घर कर गए कोई भी विचार से ही जीवन के आगे की राह तय होती है। जय नारायण द्विवेदी इंटर काॠलेज परसदा के प्रधानाचार्य अवधेश कुमार दीक्षित कहते हैं कि धर्म या जाति विशेष पर सरकारी संस्थाओं का संचालन समाजिक विघटन, असंतोष व विवाद का कराण होता है। इसके निकट व दूरगामी दोनों परिणाम होते हैं। इसका निकट परिणाम असंतोष है। दूरगामी परिणाम विवाद और हिंसा के तौर पर सामने आता है। शिक्षाविद रविराज सिंह कहते हैं कि सरकार के नियम बहुत ही सोच समझकर बनते हैं। इनको अमल में लाने की जिम्मेदारी प्रशासनिक मशीनरी पर होती है। लहरपुर में विद्यालय प्रकरण बेसिक शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का जीता जागता उदारण है। समय रहते गलती का सुधार नहीं किया गया तो परिणाम भयावह साबित होंगे। अंग्रेजों ने भी देश में विघटन की नींव शिक्षा व्यवस्था को बदल कर ही डाली थी। मानव विज्ञान के छात्र शरद दीक्षित कहते हैं कि शोध के दौरान उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया है। इसमें एकल संप्रदाय बहुल क्षेत्र पिछड़े मिले हैं। वजह विचारों का अभाव रहता है। लहरपुर क्षेत्र में तो मुस्लिम शिक्षक, मुस्लिम बच्चे और मुस्लिम नाम हो गया है। ऐसे में बच्चों के अंतर्मन पर इसका प्रभाव अवश्य पड़ेगा।
खंड शिक्षा अधिकारी रणवीर कुमार इस गंभीर मुद्दे से चुनाव आयोग को ढाल बनाकर पल्ला झाड़ना चाहते हैं। उनका कहना है कि विद्यालयों के नाम आयोग की बुक लिस्ट में इस्लामिया के नाम से दर्ज हैं। ऐसे में नाम बदला नहीं जा सकता। बोर्ड पर उर्दू मीडियम स्कूल लिखने वाले प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जा रही है। लहरपुर क्षेत्र के लोग बीईओ की बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि विद्यालय पूरी तरह इस्लामिक रीति रिवाज से चल रहे हैं। शुक्रवार को विद्यालय बंद रहते हैं और रविवार को खुलते हैं। इतना ही नहीं, इन विद्यालयों में प्रार्थना भी अजब ढंग से कराई जाती है।
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विद्यालयों के नाम आयोग की बुक लिस्ट में इस्लामिया के नाम से दर्ज हैं। ऐसे में नाम बदला नहीं जा सकता। बोर्ड पर उर्दू मीडियम स्कूल लिखने वाले प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जा रही है।
-रणवीर कुमार, बीईओ लहरपुर