परिषदीय स्कूल बने चारागाह, असुरक्षित नौनिहाल
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संवाद सहयोगी, हसनगंज : जिम्मेदारों की उदासीनता से परिषदीय स्कूल चारागाह बनते जा रहे हैं। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित माहौल देने का दावा बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है। सर्वशिक्षा अभियान को धूमिल करती तस्वीर हसनगंज तहसील से जुड़े ब्लाकों के स्कूलों में देखने को मिली। जहां आवारा पशुओं के शोर में पढ़ाई चौपट हो रही है।
हसनगंज, औरास, मियागंज, नवाबगंज में ज्यादातर परिषदीय स्कूल बगैर चहारदीवारी हैं। इसकी वजह से आवारा पशुओं का डेरा स्कूल में रहता है। भिटवा, गड़नखेड़ा, बाराखेड़ा, सलखेमऊ, दरिहट प्राथमिक (प्रावि) विद्यालय में यह तस्वीर देखी जा सकती है। असुरक्षित चहारदीवारी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। नाम न छापने की शर्त पर बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि कई बार प्रधान और सहायक शिक्षक से इस संबंध में शिकायत की गई। लेकिन, आज तक हालात नहीं बदले। प्राथमिक विद्यालय अवागोझा लखनऊ बांगरमऊ हाइवे से सटा है। यहां की स्थिति ज्यादा दयनीय है। रामपुर, बुलाकीदास, शेखपुर तरेहा, जरारी, सलेमपुर, अलालादपुर परिषदीय स्कूल में भी बच्चें असुरक्षित माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं।
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बाउंड्रीवाल विहीन स्कूल
हसनगंज- 53
औरास- 50
मियांगज- 57
नवाबगंज-47
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'बिना चहारदीवारी के स्कूलों की सूची खंड शिक्षाधिकारी मांगी जाएगी। व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए हर संभव प्रयास होंगे।'
- सूरज कुमार यादव, एसडीएम, हसनगंज