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आगरा : अफसरों की गोद में शिक्षा सुधार को तरसते स्कूल

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अफसरों की गोद में शिक्षा सुधार को तरसते स्कूल


जागरण संवाददाता, आगरा: जिला स्तरीय अफसरों के गोद लिए परिषदीय स्कूल वर्तमान में सुधार के लिए...

जागरण संवाददाता, आगरा: जिला स्तरीय अफसरों के गोद लिए परिषदीय स्कूल वर्तमान में सुधार के लिए तरस रहे हैं। इन स्कूलों को अफसरों का दुलार नहीं मिल रहा। अफसर गुणवत्ता में सुधार के बजाए महज निरीक्षण कर खानापूरी कर रहे हैं। स्थिति यह है कि निरीक्षण करने वाले अधिकारी भी महज 30 प्रतिशत हैं। 70 प्रतिशत अफसर तो स्कूलों का हाल देखने भी नहीं जाते हैं।

कमिश्नर के. राममोहन राव ने अफसरों के गोद लिए गए 101 स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट बनाकर देने की जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही 15 दिन बाद निरीक्षण करने को कहा था। विभागीय जानकारों की मानें तो बाह, जगनेर, पिनाहट के दूरस्थ गांव के स्कूलों में अफसर निरीक्षण के लिए भी नहीं पहुंच रहे हैं। कमिश्नर की पहल पर अफसरों को गोद दिलवाने से भी स्कूलों का भला नहीं हो रहा है। अफसरों के पास स्कूलों के लिए समय नहीं है। इस संबंध में बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा ने बताया कि आगामी दिनों में अफसरों द्वारा गोद लिए स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। केस एक


जगनेर क्षेत्र में सोनीखेड़ा गांव में पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। शिक्षा विभाग के अनुसार खंड विकास अधिकारी ने गोद ले रखा है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यह स्कूल समाज कल्याण अधिकारी ने गोद ले रखा है। हालांकि आते इनमें से एक भी अधिकारी नहीं हैं। एक बार समाज कल्याण विभाग का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आया था। प्रधानाध्यापक रविंद्र यादव ने बताया कि समाज कल्याण अधिकारी का नाम नहीं पता, लेकिन स्कूल में हैंडपंप और अन्य निर्माण कार्य हुआ है। केस दो

बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार जगनेर क्षेत्र में नगला वीरभान स्थित प्राथमिक विद्यालय को खंड विकास अधिकारी ने गोद ले रखा है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि स्कूल समाज कल्याण विभाग के अफसर ने गोद ले रखा है। उक्त अधिकारी एक-दो बार ही आए हैं। केस तीन

खेरागढ़ के गांव दनकशा स्थित प्राथमिक विद्यालय को जिला कृषि अधिकारी ने गोद ले रखा है। शिक्षकों का कहना है कि वे कभी कभी ही आते हैं। जिला कृषि अधिकारी रामप्रवेश वर्मा का कहना है कि वे आखिरी बार अप्रैल में निरीक्षण करने गए थे। कमियों और सुधार पर फोकस कर रहे हैं।

केस चार

फतेहाबाद क्षेत्र के गांव गुबरौठ स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय को सहायक निदेशक बचत रावेंद्र सिंह ने गोद ले रखा है। शिक्षकों के अनुसार वे बहुत कम आते हैं। सहायक निदेशक बचत ने बताया कि अप्रैल में स्कूल गए थे। जुलाई में तो नहीं गया। वहां के शिक्षक साइंस और गणित के टीचर की मांग कर रहे थे। वहां के शिक्षक भी लापरवाह हैं। वहीं अभिभावक जागरूक नहीं हैं।

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