कौशाम्बी : तैयारी अधूरी, कल से खुलेंगे स्कूल, गर्मी की छुट्टी के बाद सोमवार को परिषदीय विद्यालय खुल रहे हैं लेकिन जिले में छात्रों को मिलने वाली किताबें ही अब तक नहीं आईं
जागरण संवाददाता, कौशांबी : गर्मी की छुट्टी के बाद सोमवार को परिषदीय विद्यालय खुल रहे हैं लेकिन जिले में छात्रों को मिलने वाली किताबें ही अब तक नहीं आईं। ऐसे में विद्यालय खुलने के बाद छात्र पढ़ाई कैसे करेंगे? यह समस्या बेसिक शिक्षा विभाग के सामने खड़ी हो गई है। जिले में अब तक कक्षा सात व आठ की 20 फीसद किताबें ही आ सकी है। 1ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार की ओर से हर गांव में प्राथमिक और न्याय पंचायत स्तर पर उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना की है। साथ ही छात्रों को पढ़ाई के दौरान कोई समस्या न आए। इसके लिए विद्यालय में निश्शुल्क पुस्तकें, बैग, ड्रेस आदि का भी वितरण किया जा रहा है। सरकार की ओर से अन्य वस्तुओं का वितरण तो समय से कर दिया गया, लेकिन सब से महत्वपूर्ण किताबें हैं। उनको अब तक विद्यालय को उपलब्ध ही नहीं कराया गया। जिले में परिषदीय विद्यालय की संख्या करीब एक लाख 42 हजार की है। विभाग की ओर से किताबों का मांगपत्र भेजा जा चुका है। करीब एक माह तक विद्यालय बंद रहे। अब दो जुलाई से विद्यालय खुलने वाले हैं, लेकिन अब तक कक्षा एक से छह तक की किसी भी किताब की आपूर्ति नहीं हो सकी।1सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई करेंगे बच्चे : संसू, चायल : जनपद के कई प्राथमिक जूनियर स्तरीय स्कूलों में बच्चों के सुविधाओं का अभाव है। उन सुविधाओं को पूरा किए बगैर दो जुलाई से परिषदीय विद्यालय खुलने जा रहे हैं। किसी विद्यालय में पीने के पानी का अभाव है, तो कहीं शौचालय के दरवाजे टूटे पड़े हैं। कुछ विद्यालय के परिसर में बारिश के पानी का भराव भी हो जाता है। इससे बच्चों को काफी परेशानी होगी है। 1शनिवार को जागरण टीम ने विद्यालयों का निरीक्षण किया। बीआरसी मंझनपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चक नगर द्वितीय, गांधी नगर, ओसा, चकसहनपुर के परिसर में बारिश के पानी के भराव होगा। चायल खास, डीहा, फरीदपुर सुलेम प्राथमिक विदयालय में पीने के पानी के लिए लगाया गया हैंडपंप खराब मिला। विकास खंड नेवादा के बलहेपुर, पेरवा, में हैंडपंप और शौचालय की स्थिति खराब पाई गई। ऐसे में दो जुलाई से विद्यालय खुलने पर बच्चों को पीने के पानी के लिए दिक्कत उठानी पड़ेगी।जागरण संवाददाता, कौशांबी : गर्मी की छुट्टी के बाद सोमवार को परिषदीय विद्यालय खुल रहे हैं लेकिन जिले में छात्रों को मिलने वाली किताबें ही अब तक नहीं आईं। ऐसे में विद्यालय खुलने के बाद छात्र पढ़ाई कैसे करेंगे? यह समस्या बेसिक शिक्षा विभाग के सामने खड़ी हो गई है। जिले में अब तक कक्षा सात व आठ की 20 फीसद किताबें ही आ सकी है। 1ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार की ओर से हर गांव में प्राथमिक और न्याय पंचायत स्तर पर उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना की है। साथ ही छात्रों को पढ़ाई के दौरान कोई समस्या न आए। इसके लिए विद्यालय में निश्शुल्क पुस्तकें, बैग, ड्रेस आदि का भी वितरण किया जा रहा है। सरकार की ओर से अन्य वस्तुओं का वितरण तो समय से कर दिया गया, लेकिन सब से महत्वपूर्ण किताबें हैं। उनको अब तक विद्यालय को उपलब्ध ही नहीं कराया गया। जिले में परिषदीय विद्यालय की संख्या करीब एक लाख 42 हजार की है। विभाग की ओर से किताबों का मांगपत्र भेजा जा चुका है। करीब एक माह तक विद्यालय बंद रहे। अब दो जुलाई से विद्यालय खुलने वाले हैं, लेकिन अब तक कक्षा एक से छह तक की किसी भी किताब की आपूर्ति नहीं हो सकी।1सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई करेंगे बच्चे : संसू, चायल : जनपद के कई प्राथमिक जूनियर स्तरीय स्कूलों में बच्चों के सुविधाओं का अभाव है। उन सुविधाओं को पूरा किए बगैर दो जुलाई से परिषदीय विद्यालय खुलने जा रहे हैं। किसी विद्यालय में पीने के पानी का अभाव है, तो कहीं शौचालय के दरवाजे टूटे पड़े हैं। कुछ विद्यालय के परिसर में बारिश के पानी का भराव भी हो जाता है। इससे बच्चों को काफी परेशानी होगी है। 1शनिवार को जागरण टीम ने विद्यालयों का निरीक्षण किया। बीआरसी मंझनपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चक नगर द्वितीय, गांधी नगर, ओसा, चकसहनपुर के परिसर में बारिश के पानी के भराव होगा। चायल खास, डीहा, फरीदपुर सुलेम प्राथमिक विदयालय में पीने के पानी के लिए लगाया गया हैंडपंप खराब मिला। विकास खंड नेवादा के बलहेपुर, पेरवा, में हैंडपंप और शौचालय की स्थिति खराब पाई गई। ऐसे में दो जुलाई से विद्यालय खुलने पर बच्चों को पीने के पानी के लिए दिक्कत उठानी पड़ेगी।नेवादा ब्लाक के मोहम्मदपुर प्राथमिक स्कूल में फैली गंदगीजिले में कितनी किताबों की जारूतत है। इसकी सूची मार्च के बाद सर्वें कर शासन को भेज दिया गया है। अब तक सात व आठ की 20 फीसद किताबें मिली है। पुराने छात्रों की किताबें नए छात्रों को दी जाएंगी। जहां कोई समस्या है वहां शिक्षक इसे अपने स्तर से दूर कर छात्रों को मौखिक शिक्षा भी देंगे। 1डॉ. अविनाश सिंह, एबीएसए मंझनपुर