उपेक्षा का शिकार कस्तूरबा विद्यालय
जासं, बिरनो (गाजीपुर): स्थानीय कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय उपेक्षा का शिकार है। वि...
जासं, बिरनो (गाजीपुर): स्थानीय कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय उपेक्षा का शिकार है। विद्यालय में छात्राओं को बैठने के लिए फर्नीचर नहीं है। ऐसे में उनको जमीन पर बैठना पड़ता है। जेनरेटर और बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में छात्राओं के साथ ही अध्यापकों को भी समस्या होती है। रात में बिजली न होने से पूरा विद्यालय अंधेरे में डूब जाता है। छात्राओं को सोने के लिए अपेक्षाकृत 10 चौकी कम है। गणित विषय के अध्यापक नहीं हैं। इससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। वार्डेन सुमन कुमारी ने बताया कि फुलटाइम गणित के अध्यापक और जनरेटर के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा गया है। संसाधनों के अभाव में छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।