रामपुर : बेसिक शिक्षा में सुधार को आगे आए शिक्षक संगठन
जागरण संवाददाता, रामपुर : बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संगठनों ने सदैव तन-मन-धन से सहयोग किया। 1 बेसिक शिक्षा विभाग एक तरफ जहां संसाधनों की कमी का रोना रोकर पल्ला झाड़ लेता है, तो शिक्षक संगठन सदैव शिक्षक व शिक्षा हित के लिए तैयार रहते हैं। जनपद में तमाम ऐसे शिक्षक संगठन के पदाधिकारी व सदस्य हैं, जिन्होंने अपने संसाधनों से विद्यालयों को सजाया ओर संवारा हैं। जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डाक्टर राजवीर सिंह, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल, जिलामंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता, डॉक्टर सरफराज अहमद, अजहर अहमद, मुजाहिद खां, दीपक पुंडीर, ब्लाक मंत्री मोहम्मद तनवीर, राम बहादुर सिंह, स्वार से पूर्व ब्लाक मंत्री तहसीन आलम खान, मिलक के रविन्द्र गंगवार, चरन सिंह, दिलशाद वारसी, अब्दुल अलीम खां, कमर इसहाक जव्वाद, बिलासपुर से हरिराम दिवाकर आदि के नाम किसी से छिपे नहीं हैं। यह शिक्षक संगठनों से जुड़े वे नाम हैं, जिन्होंने विभागीय संसाधनों से सहायता मिले बिना ही स्कूलों बेहद आकर्षक बनाया है। इनके विद्यालय आज प्राइवेट विद्यालयों को मात दे रहे हैं। शिक्षक संगठनों ने, न सिर्फ अपने विद्यालयों निजि संसाधनों सजा और संवार रहे हैं, बल्कि विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों को कराने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इनके द्वारा संवारे गए विद्यालय विभाग की नाक बचा रहे हैं। आज हम बात कर रहे हैं जूनियर हाई स्कूल शिक्षक के जिलाध्यक्ष डाक्टर राजवीर सिंह की, जिनकी तैनाती स्वार ब्लाक के टांडा स्थित जूनियर हाईस्कूल कन्या टांडा में तैनाती है। तैनाती के समय इनके स्कूल की हालत बेहद खराब थी। बच्चे भी कम थे। उनका शैक्षिक स्तर भी कम था। इन्होंने अपने साथी शिक्षकों से मन की बात साझा की। विद्यालय सुधार के लिए योजना बनाई गई। आज इनके प्रयास से स्कूल बेहद आकर्षक है। 100 से ज्यादा छात्रएं शिक्षा ग्रहण कर रहीं हैं। इनके स्कूल में सुसज्जित पुस्तकालय है। विज्ञान प्रयोगशाला भी देखने लायक है। विद्यालय का स्वच्छ और सुंदर भवन बच्चों को खूब भा रहा है। कंप्यूटर शिक्षा का माकूल इंतेजाम है। टाइम टेबल के अनुसार शिक्षण कार्य होता है। सभी शिक्षक समय का पालन करते हैं। खेल एवं गतिविधियों द्वारा शिक्षा दी जा रही है। एमडीएम मीनू के अनुसार दिया जा रहा है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। इनके इस कार्य में साथी इसमें कोई दो राए नहीं है कि वर्तमान में बेसिक स्कूलों जो शिक्षक तैनात हो रहे हैं। उनमें योग्यता की कमी नहीं है। इनकी इस योग्यता, कर्मठता और कर्तव्यनिष्ठा का नतीजा है कि जिले अधिकतर विद्यालय चमचमा रहे हैं। शिक्षक अपने निज प्रयास से विद्यालयों को आकर्षक बना रहे हैं। पढ़ाने के तरीके बदल रहे हैं। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाने लगी है। शिक्षण में नित नए नवाचारों को अपनाया जा रहा है। शैक्षिक गतिविधयां विद्यालयों में खूब कराई जा रही हैं।जागरण संवाददाता, रामपुर : बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संगठनों ने सदैव तन-मन-धन से सहयोग किया। 1 बेसिक शिक्षा विभाग एक तरफ जहां संसाधनों की कमी का रोना रोकर पल्ला झाड़ लेता है, तो शिक्षक संगठन सदैव शिक्षक व शिक्षा हित के लिए तैयार रहते हैं। जनपद में तमाम ऐसे शिक्षक संगठन के पदाधिकारी व सदस्य हैं, जिन्होंने अपने संसाधनों से विद्यालयों को सजाया ओर संवारा हैं। जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डाक्टर राजवीर सिंह, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल, जिलामंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता, डॉक्टर सरफराज अहमद, अजहर अहमद, मुजाहिद खां, दीपक पुंडीर, ब्लाक मंत्री मोहम्मद तनवीर, राम बहादुर सिंह, स्वार से पूर्व ब्लाक मंत्री तहसीन आलम खान, मिलक के रविन्द्र गंगवार, चरन सिंह, दिलशाद वारसी, अब्दुल अलीम खां, कमर इसहाक जव्वाद, बिलासपुर से हरिराम दिवाकर आदि के नाम किसी से छिपे नहीं हैं। यह शिक्षक संगठनों से जुड़े वे नाम हैं, जिन्होंने विभागीय संसाधनों से सहायता मिले बिना ही स्कूलों बेहद आकर्षक बनाया है। इनके विद्यालय आज प्राइवेट विद्यालयों को मात दे रहे हैं। शिक्षक संगठनों ने, न सिर्फ अपने विद्यालयों निजि संसाधनों सजा और संवार रहे हैं, बल्कि विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों को कराने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इनके द्वारा संवारे गए विद्यालय विभाग की नाक बचा रहे हैं। आज हम बात कर रहे हैं जूनियर हाई स्कूल शिक्षक के जिलाध्यक्ष डाक्टर राजवीर सिंह की, जिनकी तैनाती स्वार ब्लाक के टांडा स्थित जूनियर हाईस्कूल कन्या टांडा में तैनाती है। तैनाती के समय इनके स्कूल की हालत बेहद खराब थी। बच्चे भी कम थे। उनका शैक्षिक स्तर भी कम था। इन्होंने अपने साथी शिक्षकों से मन की बात साझा की। विद्यालय सुधार के लिए योजना बनाई गई। आज इनके प्रयास से स्कूल बेहद आकर्षक है। 100 से ज्यादा छात्रएं शिक्षा ग्रहण कर रहीं हैं। इनके स्कूल में सुसज्जित पुस्तकालय है। विज्ञान प्रयोगशाला भी देखने लायक है। विद्यालय का स्वच्छ और सुंदर भवन बच्चों को खूब भा रहा है। कंप्यूटर शिक्षा का माकूल इंतेजाम है। टाइम टेबल के अनुसार शिक्षण कार्य होता है। सभी शिक्षक समय का पालन करते हैं। खेल एवं गतिविधियों द्वारा शिक्षा दी जा रही है। एमडीएम मीनू के अनुसार दिया जा रहा है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। इनके इस कार्य में साथी इसमें कोई दो राए नहीं है कि वर्तमान में बेसिक स्कूलों जो शिक्षक तैनात हो रहे हैं। उनमें योग्यता की कमी नहीं है। इनकी इस योग्यता, कर्मठता और कर्तव्यनिष्ठा का नतीजा है कि जिले अधिकतर विद्यालय चमचमा रहे हैं। शिक्षक अपने निज प्रयास से विद्यालयों को आकर्षक बना रहे हैं। पढ़ाने के तरीके बदल रहे हैं। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाने लगी है। शिक्षण में नित नए नवाचारों को अपनाया जा रहा है। शैक्षिक गतिविधयां विद्यालयों में खूब कराई जा रही हैं।कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय टांडा।डा. राजवीर सिंह।