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एटा : अब जितने बच्चे उतना पुष्टाहार, आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामग्री, वितरण के आधार पर ही अगले माह आपूर्ति

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एटा : अब जितने बच्चे उतना पुष्टाहार, आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामग्री, वितरण के आधार पर ही अगले माह आपूर्ति

जागरण संवाददाता, एटा: हाल ही में आंगनबाड़ी केंद्रों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने की योजना में बदलाव किया गया है। पहले बाल विकास परियोजनाओं पर पुष्टाहार वितरण के नाम पर होने वाली वसूली पर अंकुश के लिए अब जहां केंद्रों तक पुष्टाहार पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की गई है। वहीं पूर्व में एक मुश्त समान रूप से केंद्रों को दिए जाने वाले पुष्टाहार की स्थिति को बदलते हुए अब बच्चों की उपस्थिति और उसी की मात्र के अनुरूप पुष्टाहार मिल सकेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी हर महीने पुष्टाहार वितरण का पूरा ब्योरा जमा करना होगा, तभी अगले महीने का उठान समायोजित कर मिल सकेगा। 1लगातार चार महीनों तक आंगनबाड़ी केंद्रों की बंद रही पुष्टाहार की आपूर्ति के बाद अब नए नियमों के तहत पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाना शुरू किया गया है। अब बच्चों के लिए माइलेज फूड और बीनिंग फूड के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी अलग से पौष्टिक आहार की लड्डू बनाने वाली पंजीरी की आपूर्ति निर्धारित की गई है। नई व्यवस्था में बाल विकास परियोजनाओं पर होने वाली समस्याएं खत्म हुई हैं। पूर्व में जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को परियोजना कार्यालयों से पुष्टाहार का उठान करना पड़ता था। ऐसे में वितरण के नाम पर उनसे वसूली की शिकायतें बनी ही रहतीं। इसके अलावा उठान के बाद केंद्रों तक पहुंचाने की समस्या और होने वाला खर्चा परेशान करता। ऐसी स्थिति में केंद्रों तक पहुंचने से पहले ही पुष्टाहार की बिक्री बाजार में भी हो जाती। इस तरह की स्थितियों को रोकने के लिए हाल ही में अब मिलने वाला पुष्टाहार केंद्रों पर ही पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। ब्लॉक स्तर से विभागीय कर्मी खुद पुष्टाहार पहुंचाने के लिए लगाए गए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी एसपी पांडेय का कहना है कि नई व्यवस्था के अच्छे परिणाम दिखेंगे। 1जागरण संवाददाता, एटा: हाल ही में आंगनबाड़ी केंद्रों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने की योजना में बदलाव किया गया है। पहले बाल विकास परियोजनाओं पर पुष्टाहार वितरण के नाम पर होने वाली वसूली पर अंकुश के लिए अब जहां केंद्रों तक पुष्टाहार पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की गई है। वहीं पूर्व में एक मुश्त समान रूप से केंद्रों को दिए जाने वाले पुष्टाहार की स्थिति को बदलते हुए अब बच्चों की उपस्थिति और उसी की मात्र के अनुरूप पुष्टाहार मिल सकेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी हर महीने पुष्टाहार वितरण का पूरा ब्योरा जमा करना होगा, तभी अगले महीने का उठान समायोजित कर मिल सकेगा। 1लगातार चार महीनों तक आंगनबाड़ी केंद्रों की बंद रही पुष्टाहार की आपूर्ति के बाद अब नए नियमों के तहत पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाना शुरू किया गया है। अब बच्चों के लिए माइलेज फूड और बीनिंग फूड के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी अलग से पौष्टिक आहार की लड्डू बनाने वाली पंजीरी की आपूर्ति निर्धारित की गई है। नई व्यवस्था में बाल विकास परियोजनाओं पर होने वाली समस्याएं खत्म हुई हैं। पूर्व में जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को परियोजना कार्यालयों से पुष्टाहार का उठान करना पड़ता था। ऐसे में वितरण के नाम पर उनसे वसूली की शिकायतें बनी ही रहतीं। इसके अलावा उठान के बाद केंद्रों तक पहुंचाने की समस्या और होने वाला खर्चा परेशान करता। ऐसी स्थिति में केंद्रों तक पहुंचने से पहले ही पुष्टाहार की बिक्री बाजार में भी हो जाती। इस तरह की स्थितियों को रोकने के लिए हाल ही में अब मिलने वाला पुष्टाहार केंद्रों पर ही पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। ब्लॉक स्तर से विभागीय कर्मी खुद पुष्टाहार पहुंचाने के लिए लगाए गए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी एसपी पांडेय का कहना है कि नई व्यवस्था के अच्छे परिणाम दिखेंगे। 1अब तक परियोजना कार्यालयों को जितना भी पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता था, विभागीय अधिकारी आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या के आधार पर औसतन पैकेट हर केंद्र को समान रूप से ही उपलब्ध कराते थे। चाहे किसी केंद्र पर 50 बच्चे हों या फिर कहीं 20, पुष्टाहार की आपूर्ति सभी को समान रूप से हो जाती। इससे पुष्टाहार का दुरुपयोग भी हो रहा था। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों की स्थिति और नित्य खर्च होने वाले पुष्टाहार का पूरा हिसाब, किताब तैयार करना होगा। महीने में जितना भी पुष्टाहार वितरित हो जाएगा, उसी के आधार पर अगले माह आपूर्ति मिल पाएगी। परेशानी तो यह है कि हिसाब किताब रखने में कार्यकर्ता उलझ गए हैं।रुकेगा पुष्टाहार का दुरुपयोग

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