अभिभावकों को राहत, निजी स्कूलों ने घटाई फीस
नए अध्यादेश की हनक के चलते अब निजी विद्यालय शुल्क कम कर रहे हैं।...
वाराणसी : मंहगाई दिनों-दिन बढ़ने के बावजूद निजी विद्यालय शुल्क कम कर रहे हैं। स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क निर्धारण अध्यादेश-2018 के कारण यह संभव हो रहा है। अध्यादेश का हनक अब दिखने लगा है। जनपद के तमाम निजी विद्यालय नए सिरे से फीस तय करने में जुटे हुए हैं। शुल्क कम करने में सबसे पहले सनबीम शिक्षण ग्रुप ने पहल की है। सनबीम की विभिन्न शाखाओं ने दो सौ से पांच सौ रुपये मासिक शुल्क घटा दिया है। शुल्क कम होने से अभिभावकों को कुछ राहत मिली है।
अध्यादेश में सत्र-2015-16 की फीस को आधार बनाया गया है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक व पिछले वर्ष के शुल्क में पांच फीसद से अधिक की वृद्धि नहीं की जा सकती है। शासन ने अध्यादेश जारी करने के साथ ही निजी विद्यालयों को सत्र-2015-16 के आधार पर शुल्क निर्धारण के परीक्षण का निर्देश दिया था। ऐसे में अध्यादेश के विपरीत अधिक शुल्क लेने वाले विद्यालय नए सिरे से शुल्क निर्धारित करने में जुट गए हैं। यहीं नहीं जनपद के 80 फीसद निजी विद्यालयों ने शुल्क का विवरण वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया है।
''अध्यादेश के तहत सालाना 20,000 रुपये से अधिक शुल्क वसूलने वाले विद्यालयों से उसका विवरण मांगा गया था। करीब 80 फीसद निजी विद्यालयों ने शुल्क का विवरण दे दिया है। इसका परीक्षण भी शुरू हो चुका है। इसके लिए तीन सदस्यीय लेखाधिकारियों की टीम बनाई गई है। परीक्षण के बाद अध्यादेश का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा।
-डा. वीपी सिंह, डीआइओएस ''सनबीम शिक्षण समूह केंद्र व राज्य सरकार के सभी नियमों का अनुपालन कर रहा है। इस क्रम में अध्यादेश के तहत सत्र 2018-19 का शुल्क भी निर्धारित किया जा चुका है। पुराना शुल्क ढांचा निरस्त कर दिया गया है। इसकी सूचना डीआइओएस को भी दी गई है।
-दीपक मधोक, अध्यक्ष, सनबीम शिक्षण समूह