अलीगढ़ : चंद 'कागजों' में खो गए कागज, बीएसए दफ्तर में नियम विरुद्ध की गई बाबू की पदोन्नति प्रकरण में तीन हफ्ते बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं !
बाबू की पदोन्नति प्रकरण में तीन हफ्ते बीतने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई।...
अलीगढ़ : बीएसए दफ्तर में नियम विरुद्ध की गई बाबू की पदोन्नति प्रकरण में तीन हफ्ते बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है। तीन जुलाई के अंक में दैनिक जागरण ने पदोन्नति में खेल की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। आठ जुलाई को बीएसए ने शुरुआती पड़ताल में नियम विरुद्ध पदोन्नति मानते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की थी। सात दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी टीम को दिए थे। मगर, तीन हफ्ते बीतने के बाद अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अफसरों का कहना है कि जांच टीम प्रपत्र चेक कर रही है, कुछ प्रपत्र मिल नहीं रहे हैं। यहां तक कि बाबू के खिलाफ जांच बैठने के बावजूद उसको निलंबित नहीं किया ।
खंड शिक्षा अधिकारी नगर कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक अनिल शर्मा को बीएसए कार्यालय मुख्यालय पर पदोन्नत कर प्रधान लिपिक बनाया गया था। 2015 में पदोन्नति पत्र आया, तत्कालीन बीएसए एसपी यादव ने पदोन्नति को नियम विरुद्ध मानते हुए निरस्त किया। फिर बीएसए धीरेंद्र यादव ने 2017 में फिर से पदोन्नति बहाल करा दी, वो भी 2015 की तिथि से। 2011 के शासनादेश में निर्देश हैं कि बीएसए कार्यालय मुख्यालय पर केवल एक पद खंड शिक्षा अधिकारी (राजपत्रित) का ही है। वो भी बीएसए के अधीन। कार्यालय व पद न होते हुए भी यहां प्रधान लिपिक के तौर पर बाबू अनिल अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बाबू अनिल शर्मा ने पदोन्नति को नियमपूर्वक बताया है। बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय का कहना है कि शिक्षक भर्ती व अनुदान प्रकरणों की जांच में शहर से बाहर था। शनिवार को जांच टीम से रिपोर्ट मांगी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।