गर्मी से बेहाल प्राथमिक विद्यालयों के लाल
जागरण टीम , बांदा: सरकार ने भले ही प्राथमिक विद्यालयों में बिजली का कनेक्शन कराकर नौनिहालों को गर्मी के बचाव की व्यवस्था कर रखी हो। लेकिन बांदा जनपद ने इस व्यवस्था के हाल बेहाल है। एक ओर ऐसे विद्यायल हैं जहां आज तब बिजली पहुंच ही नहीं पाई तो कुछ ऐसे भी हैं जहां बिजली आने के बाद सिर्फ बल्ब व पंखे शोपीश बने हुए है और नौनिहाल गर्मी से बेहाल हैं।
जनपद में संचालित दो हजार उच्च व प्राथमिक विद्यालयों में करीब 500 विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन नहीं है। जबकि इन विद्यालयों में करीब एक लाख से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। हालाकि चुनाव के समय प्रत्येक विद्यालय बिजली के कनेक्शन किए जाते है। लेकिन मतदान के बाद तार रह जाते है और न बल्ब आदि। जिन विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन है तो वहां तार, बोर्ड आदि उखड़े पड़े है। पंखा की कोई व्यवस्था नहीं है। बिजली की समस्या से सिर्फ ग्रामीण विद्यालय ही नहीं जूझ रहे है बल्कि शहर क्षेत्र के विद्यालय भी अछूते नहीं है।
बिजली से अछूते जनपद के विद्यालय : प्राथमिक विद्यालय बिजली नहीं
1396 300
उच्च प्राथमिक बिजली नहीं
643 200
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शहर बांदा के विद्यालयों की स्थिति : शहर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भाग-1 केवटरा का निर्माण वर्ष 2010-11 में करया गया था। जिसमें मौजूदा समय में 102 बच्चे अध्यनरत है। यहां पर सिर्फ चुनाव के समय ही बिजली की आपूर्ति की जाती है। इसके बाद तार, बल्ब आदि सब हटा लिए जाते है। कमोवेश यही स्थिति प्राथमिक विद्यालय भाग-2 केवटरा की भी है स्कूल के भवन का निर्माण वर्ष 2008-09 कराया गया था। विद्यालय में मौजूदा समय में 91 बच्चे अध्यनरत है। में भी बिजली का कोई कनेक्शन नहीं है। बच्चे इस भीषण गर्मी में बिलबिला रहे है। कमोवेश यहीं स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय निम्नीपार की भी है यहां पर भी बिजली का कनेक्शन नहीं है। प्राथमिक विद्यालय खिन्नी नाका, उच्च प्राथमिक विद्यालय खिन्नी नाका, प्राथमिक विद्यालय छत्रसाल, प्राथमिक विद्यालय मर्दननाका, प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन आदि में बिजली है तो वहां पंखा आदि की कोई व्यवस्था नहीं है।
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¨तदवारी के 42 स्कूलों में बिजली नहीं
¨तदवारी क्षेत्र में 141 प्राथमिक विद्यालय संचालित है। लेकिन 29 विद्यालयों में बिजली नहीं है। इसी प्रकार उच्च प्राथमिक के 72 विद्यालय संचालित है। लेकिन 13 स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं है। शिक्षकों को कहना है कि चुनाव के समय विद्यालय में बिजली का कनेक्शन कर दिया जाता है। चुनाव बाद तार, बल्ब हटा लिए जाते है। जिन विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन है तो वहां पर बिजली फि¨टग का बुराहाल है। तार व बोर्ड टूटे पड़े है। पंखे की कोई व्यवस्था नहीं है। सैकड़ों की संख्या में बच्चे व शिक्षक गर्मी में पसीना बहाते रहते है।
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अतर्रा और फतेहगंज क्षेत्र में बुराहाल :
अतर्रा क्षेत्र में 52 प्राथमिक विद्यालय है। जिनमें 25 स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं है। प्राथमिक विद्यालय अतर्रा ग्रामीण, लोधन पुरवा, शिवराज पुरवा, कछियन पुरवा, गर्गनपुरवा, सिमरिया पुरवा, कछियन पुरवा, जगन्नाथ पुरवा आदि में विद्यालय संचालन के बाद से आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं किया गया। चुनाव के समय भी यहां लालटेन आदि से काम चलाया जाता है। फतेहगंज क्षेत्र में 29 प्राथमिक विद्यालय है। जिनमें 27 विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन नहीं है। इसी प्रकार 11 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में महज एक विद्यालय में ही बिजली का कनेक्शन है।
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चुनाव तक मिली सुविधाएं :
नरैनी क्षेत्र में 300 प्राथमिक विद्यालय संचालित है। जिनमें 135 विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन नहीं है। इसी प्रकार क्षेत्र में 130 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 20 स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि चुनाव के समय विद्यालयों में लाइन खीचकर बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी जाती है। लेकिन मतदान के बाद विद्यालय से लाइन को हटा लिया जाता है। कुछ जाता है कि अस्थाई कनेक्शन किया गया था। बिजली न होने से गर्मी में खासी दिक्कते होती है। पसीने से तरबदर छोटे-छोटे बच्चे रोने लगते है। पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता है।
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क्या कहते हैं अधिकारी :
जनपद के 80 फीसद विद्यलयों में बिजली के कनेक्शन है। शेष 20 फीसद विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन कराए जा रहे है। अभी हाल ही में 129 उच्च प्राथमिक स्कूलों में विद्युत कनेक्शन के लिए बिजली विभाग को 49 लाख 12 हजार 648 रुपये की धनराशि दी गई है। जिनमें बिजली के कनेक्शन किए जा रहे है।
अर¨वद अस्थाना जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान