इलाहाबाद : प्रदेश के चार हजार से अधिक अशासकीय माध्यमिक कालेजों में शिक्षक पद पर ‘सीधी भर्ती’ पर विराम लगाने की तैयारी है। कालेज प्रबंधक-प्रधानाचार्य डीआइओएस से मिलकर अपनों को रिक्त पदों पर तैनात नहीं करा सकेंगे। अधियाचन लेने ऑनलाइन लेने और उसका जवाबदेह जिला विद्यालय निरीक्षक को बनाया जा रहा है। कुछ ही माह में यह नई व्यवस्था लागू की जाएगी।
अशासकीय माध्यमिक कालेजों के लिए प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक का चयन करने वाले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने दो दिन पहले 2016 के विज्ञापन से आठ विषयों के पद निरस्त कर दिए हैं। इस कदम से भले ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परेशान हैं लेकिन, सख्ती करने की वजह भर्तियों के खेल को रोकना है। अब तक जिला विद्यालय निरीक्षक कालेजों से मिलने वाले पदों के अधियाचन को आंख मूंदकर भेजते रहे हैं और बाद में उन पदों का खुद ही सत्यापन भी कर देते थे। किसी भी डीआइओएस ने अधियाचन में मिले पदों के बारे में यह जानना उचित नहीं समझा कि आखिर वह विषय है भी या नहीं। लगातार बीस वर्ष से दो विषयों में सैकड़ों शिक्षकों का चयन किया गया है। चयन बोर्ड इस तरह का अधियाचन भेजने वालों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करके यह संदेश देने जा रहा है कि अब कार्य में मनमर्जी नहीं चलेगी।
संकेत हैं कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात रहे डीआइओएस पर कार्रवाई होगी। उन्हें चिह्न्ति करने का कार्य शुरू हो गया है। सरकार ने शिक्षकों के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को तैनात करने का आदेश पहले ही दे रखा है। इससे अब प्रबंधक, प्रधानाचार्य और डीआइओएस मिलकर चहेतों की तैनाती नहीं कर सकेंगे। ऐसा होने से ही चयन बोर्ड से चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल पाती थी। चयन बोर्ड अध्यक्ष जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऑनलाइन अधियाचन लेने के लिए नया साफ्टवेयर तैयार करा रहे हैं। इसमें कालेज प्रधानाचार्य रिक्त पदों का ब्योरा देंगे और उसका अनुमोदन डीआइओएस करेंगे।
पदोन्नति या फिर तबादले से पद भरने पर चयन बोर्ड को अनिवार्य रूप से सूचना देनी होगी। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि अधियाचन के लिए डीआइओएस ही जिम्मेदार होंगे। गड़बड़ी होने पर उन पर कार्रवाई होगी।