एमडीएम के छह लाख रुपये का नहीं है हिसाब
अंबेडकरनगर : वित्तीय अनियमितता और मनमानी को लेकर चर्चा में बने एसएन इंटर कॉलेज इंदईपुर...
अंबेडकरनगर : वित्तीय अनियमितता और मनमानी को लेकर चर्चा में बने एसएन इंटर कॉलेज इंदईपुर में करीब छह लाख रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आया है। यहां एमडीएम के तहत आवंटित धनराशि का आहरण किए जाने तथा व्यय किए जाने संबंधी अभिलेख गायब हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कार्यवाहक प्रधानाचार्य तथा पूर्व के कार्यवाहक प्रधानाचार्य के वेतन भुगतान पर रोक लगाते हुए प्राधिकृत नियंत्रक सुरेशलाल श्रीवास्तव को जांच सौंपी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
एसएन इंटर कॉलेज इंदईपुर में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आवंटित मध्याह्न भोजन योजना के बजट से आहरित किए गए पांच लाख 71 हजार 200 रुपये का बिल-वाउचर कॉलेज प्रशासन के पास नहीं है। गत जून माह में शुरू हुई जांच में कार्यवाहक प्रधानाचार्य शमीम अहमद खां ने बताया कि उक्त धनराशि की निकासी पूर्व कार्यवाहक प्रधानाचार्य मोहम्मद शरीफ खां के समय में हुई थी। पूर्व कार्यवाहक प्रधानाचार्य की ओर से किसी प्रकार का अभिलेख तथा बिल-वाउचर हस्तगत नहीं किया गया है। ऐसे में डीआइओएस ने पूर्व कार्यवाहक प्रधानाचार्य को उक्त अभिलेख मुहैया कराने के लिए निर्देशित करते हुए इसके उपलब्ध कराए जाने तक उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया। ऐसे में बीते पांच जुलाई को पूर्व कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि बीते साल 15 नवंबर को कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद से त्यागपत्र दिए जाने के साथ ही एमडीएम से संबंधित सभी अभिलेखों में रजिस्टर, चेकबुक तथा बिल-वाउचर को मौजूदा कार्यवाहक प्रधानाचार्य शमीम अहमद खां को हस्तगत कर दिया गया। इसके बाद घटना में नया मोड़ आ गया और वर्तमान कार्यवाहक प्रधानाचार्य के स्पष्टीकरण में यह बात साबित हो गई कि उन्हें उक्त सभी अभिलेख प्राप्त हुए थे। हालांकि बाद में बताया कि एमडीएम से संबंधित अभिलेख चोरी हो गए। इसकी सूचना आलापुर पुलिस को देते हुए गत 15 मार्च को मुकदमा दर्ज कराए जाने का दावा भी मौजूदा कार्यवाहक प्रधानाचार्य की ओर से किया गया। हालांकि पत्रावली का अवलोकन किए जाने पर मुकदमा दर्ज कराए जाने के साक्ष्य नहीं मिले। ऐसे में डीआइओएस ने माना कि उक्त सभी अभिलेख मौजूद प्रधानाचार्य के पास ही हैं, और इसके चोरी होने का कुचक्र रचा जा रहा है। इस पर भी संदेह जताया जा रहा है कि चोरी में सिर्फ एमडीएम संबंधी अभिलेख ही गायब हुए हैं। इसमें वर्तमान कार्यवाहक प्रधानाचार्य की संलिप्तता मानते हुए डीआइओएस ने इनके वेतन भुगतान पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही प्राधिकृत नियंत्रक को प्रकरण में दोनों शिक्षकों से गबन धनराशि के बाबत जांच करते हुए दोषी मिलने वालों पर मुकदमा दर्ज कराने को कहा है। प्राधिकृत नियंत्रक सुरेशलाल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रकरण की अभी जांच की जा रही है।