समस्याओं से घिरा प्राथमिक विद्यालय हरनाखुरी
परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए हर वर्ष सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। कागजों में विभाग द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के तमाम दावे किए जाते है, परंतु धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां हो रही है।...
सिद्धार्थनगर : परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए हर वर्ष सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। कागजों में विभाग द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के तमाम दावे किए जाते है, परंतु धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां हो रही है।
ऐसा ही एक विद्यालय हरनाखुरी गांव का है। भनवापुर विकास खंड कार्यालय से महज चार किमी दूर स्थित ये प्राथमिक विद्यालय समस्याओं से घिरा है। बाउंड्रीवाल नहीं है, तो हैंडपंप बेमतलब है। गंदगी का भी हर तरफ बोलबाला है। विद्यालय में करीब 75 बच्चों का नामांकन है, जिनको पढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षा मित्र सुखराम यादव के भरोसे है। विद्यालय में चहार दीवारी की व्यवस्था न होने से बच्चों के ऊपर हमेशा खतरा बना रहता है। वही हैंडपंप खराब होने से पीने के पानी की भी दिक्कत रहती है। छात्रों व रसोइयों को पानी के लए स्कूल के बाहर गांव में जाना पड़ता है। शौचालय भी सा़फ-सफाई के अभाव में बंद रहता है। छात्रों समेत विद्यालय स्टाफ को शौच के लिए तरह-तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। अभिभावकों में राम हित, सनोज, प्रेम कुमार, जितेंद्र, किशोर, दिलीप, जवाहिर आदि ने विद्यालय व्यवस्था में सुधार की मांग की है। नवागत बीईओ अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि अभी वह कल ही आए हैं, पता करवाते हैं। फिर जो संभव हो सकेगा, वह कार्रवाई करेंगे।