बायताल में स्कूल की पुरानी बिल्डिग हो चुकी खस्ता
कभी भी हो सकता है हादसा...
सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के बायताल गांव में वर्ष 1952 में निर्मित प्राथमिक विद्यालय भवन कभी भी धराशाई होकर किसी हादसे की वजह बन सकता है। इसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। रिपोर्ट के बाद भी भवन को नहीं ढहाया गया है।
उक्त भवन की स्थिति जब बहुत खराब हो गई, तो फिर निर्माण के करीब 40 साल बाद यहां दूसरे बि¨ल्डग बनाई गई। नया भवन 1991-1992 में हैंडओवर हुआ, उक्त विद्यालय भवन की भी मौजूदा हालात बहुत ही दयनीय है। जबकि बगल में स्थित पुरानी बि¨ल्डग कभी भी ढह सकती है। इस पुराने भवन में ही दोपहर को बहुत सारे बच्चे भोजन करने के लिए बैठते हैं। जिसकी छत जगह-जगह फट गई है। जर्जर छत गिरने के कगार पर है। इसकी दयनीय स्थिति को देखते हुए वर्ष 2014 में ग्राम शिक्षा समिति व विद्यालय प्रबंधन समिति ने खंड शिक्षा अधिकारी डुमरियागंज को प्रार्थना पत्र देकर विद्यालय की स्थिति से अवगत कराया, खंड शिक्षा अधिकारी ने मामला संज्ञान में लेकर 26.02.2014 को अवर अभियंता डुमरियागंज को बायताल गांव में स्थित विद्यालय का अवलोकन कराने के लिए पत्र लिखा, करीब 7 महीने बाद 8.09.2014 को अवर अभियंता ने रिपोर्ट के माध्यम से विद्यालय को पूर्णत: जर्जर व बच्चों के लिए खतरा बताया। परन्तु आज तक उस विद्यालय को ढहाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने कोई रूचि नहीं दिखाई। विद्यालय के छत फट गई है और प्लास्टर गिर रहा है। छज्जों की भी हालत खराब है अक्सर टूटकर गिरता रहता है, जिससे बच्चों के उपर खतरा मंडरा रहा है। अभिभावकों ने विभाग के आला अधिकारियों से समस्या समाधान कराने की दिशा में उचित कदम उठाए जाने की मांग की है।