अवैध स्कूलों पर कल से चलेगा चाबुक
माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के लिए नासूर बन चुके अवैध शिक्षण संस्थानों का संचालन वैध विद्य...
माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के लिए नासूर बन चुके अवैध शिक्षण संस्थानों का संचालन वैध विद्यालयों की मदद से अभी तक चलता रहा है। यही वजह है कि अवैध विद्यालय बगैर मान्यता के ही फल-फूल रहे हैं। यही नहीं सर्वशिक्षा अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ाने के साथ ही फर्जीवाड़े का भी खेल जोरों पर है। दैनिक जागरण ने मान्यता विहीन शिक्षण संस्थाओं पर मेहरबानी शीर्षक से खबर को प्रकाशित किया तो बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई का चाबुक थाम लिया है। आगामी बुधवार से जिले में अवैध शिक्षण संस्थाओं के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग अभियान शुरू कर रहा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार ¨सह ने बताया कि इससे पहले मंगलवार को एक दिन का मौका दिया जा रहा है कि अवैध शिक्षण संस्थान संचालक खुद ऐसे स्कूलों को बंद कर दें। अभियान के दौरान पकड़े जाने पर ऐसे शिक्षण संस्थान संचालकों के खिलाफ अर्थदंड लगाए जाने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी अवैध शिक्षण संस्थानों के सरपरस्त बनकर खामोश बैठे हैं। बताते चलें कि विभागीय अधिकारियों के नियमित निरीक्षण में धड़ल्ले संचालित मिले अवैध विद्यालयों के छात्रों के अभी तक के पंजीयन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा है। हालांकि परिषदीय विद्यालयों से लेकर वित्त पोषित तथा मान्यता प्राप्त विद्यालयों से अवैध विद्यालयों की संबद्धता को पकड़ने अभी तक अधिकारी नाकाम साबित हुए हैं। माना जा रहा है कि इसकी तह में जाने पर तमाम विद्यालयों पर कार्रवाई तय हो सकती है। जिले के विभिन्न शिक्षाक्षेत्रों में विभाग की ओर से महज 358 अवैध विद्यालयों के संचालन का अभी तक दावा किया गया है। जबकि गत दिनों गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक संघ के पदाधिकारियों ने जनपद में तकरीबन 600 शिक्षण संस्थाओं के मान्यता विहीन होने का दावा किया था। खास बात रही कि यहां अध्ययनरत छात्रों का पंजीयन आसपास के ही राजकीय के अलावा वित्त पोषित विद्यालयों में बताया जा रहा है।