टूटा शिक्षा का मंदिर, तिरपाल के नीचे पढ़ने को मजबूर
चिलकाना (सहारनपुर) : प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा में सुधार लाने के लिये भारी भरकम बज...
चिलकाना (सहारनपुर) : प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा में सुधार लाने के लिये भारी भरकम बजट खर्च किया जाता है, इसके बाद भी चिलकाना का प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय बदहाली के आंसू बहा रहा है। जर्जर हो चुकी छत के चलते विद्यार्थी तिरपाल के नीचे पढ़ने को मजबूर है। वहीं विद्यालय में शिक्षा के लिए सिर्फ शिक्षामित्रों का ही सहारा है।
चिलकाना मोहल्ला गढ़ी में स्थित प्राथमिक विद्यालय 2 एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय किराये के भवन चल रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय में 162 बच्चे जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय में मात्र 32 बच्चों का ही नामाकंन है। विद्यालय भवन के स्वामी (जैन समाज) द्वारा भवन खाली कराने को लेकर विवाद चल रहा है। उदासीनता के चलते विद्यालय भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि अध्यापकों को अनहोनी की आशंका के डर से बच्चों को खुले आसमान के नीचे तिरपाल डालकर पढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है। तेज बरसात में अध्यापकों को हादसे से बचने के लिए छुट्टी करनी पढ़ती है। उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रभारी संयोगिता ने बताया कि जर्जर छत के कारण कमरों पानी भर जाता है, जिससे मिड डे मिल बनाने का सामान एवं बर्तन भी भीग कर खराब हो जाता है। अध्यापकों का कहना है कि कई बार अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन शिक्षा अधिकारी जमीन न मिलने का कारण बताकर पल्ला झाड़ते लेते हैं। पिछले माह बीएसए रामेंद्र ¨सह ने 23 जून को विद्यालय के क्षतिग्रस्त भवन का निरीक्षण कर समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन फिलहाल समस्या जस की तस बनी हुई है।