एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

मथुरा : शिक्षक भर्ती घोटाले में हैंडराइटिंग में फंसेगी अफसरों की गर्दन, फर्जी दस्तखत करने की कहकर अफसरों को बचाने की कोशिश

0 comments

मथुरा : शिक्षक भर्ती घोटाले में हैंडराइटिंग में फंसेगी अफसरों की गर्दन, फर्जी दस्तखत करने की कहकर अफसरों को बचाने की कोशिश

मथुरा: बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक भर्ती घोटाले में एक नया मोड़ आ गया है। एसटीएफ के हत्थे चढ़े मास्टरमाइंड पर फर्जी दस्तखत करने की बात संदेह के सवाल खड़े कर रही है। इसके पीछे बीएसए और बीइओ को बचाए जाने की कोशिश मानी जा रही है। नियुक्ति पत्रों के हस्ताक्षरों के मिलान कराए जाने पर अफसरों की गर्दन फंसने की संभावना से विभागीय अधिकारी-कर्मचारी इन्कार नहीं कर रहे हैं।

शिक्षक भर्ती घोटाले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। स्पेशल टॉस्क फोर्स आगरा ने शिक्षक राजवीर सिंह गिरफ्तारी के बाद एक नया रहस्य उजागर किया है। एसटीएफ ने दावा किया है कि शिक्षक राजवीर सिंह फर्जी हस्ताक्षर करने में माहिर है। उसने ही फर्जी शिक्षकों के नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। एसटीएफ के इस दावे पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ही सवाल उठा रहे हैं। नियुक्ति पत्र को देखने के बाद ही

बीएसए ने शिक्षकों को कालेज आवंटित किए थे। उस समय भी बीएसए ने अपने हस्ताक्षर क्यों नहीं देखे थे? देखे तो वह अपने फर्जी हस्ताक्षरों को क्यों नहीं पहचान पाएं? इसके बाद नियुक्ति पत्र की फाइल खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजी गई। खंड शिक्षा अधिकारियों ने भी क्या वही गलती दोहरायी जो बीएसए ने फाइल पर स्कूल आवंटन करते समय की थी? क्या खंड शिक्षा अधिकारी बीएसए के हस्ताक्षर नहीं पहचानते थे? अगर पहचानते थे तो फिर यह जानकारी बीएसएस को क्यों नहीं दी गई? क्या प्रधानाध्यापक भी अपने अधिकारी के हस्ताक्षर पहचानने में गच्चा खा गए? माना यह भी जा रहा है कि अगर बीएसए के हस्ताक्षरों की कोई नहीं पहचानता था तो फिर भर्तियों के अलावा अन्य मामलों में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ियां की गई होगी। यही सवाल एसटीएफ के दावे को संदेह के घेरे में ला रहे हैं। इस राज से पर्दा तभी उठ पाएगा, जब अधिकारियों, शिक्षक की नियुक्ति पत्र और अन्य फाइलों पर किए गए हस्ताक्षरों की फोरेंसिक लैब में जांच कराई जाए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।