एटा : लेखा कार्यालय की लापरवाही जिले के हजारों शिक्षकों के लिए परेशानी बनी हुई
जागरण संवाददाता, एटा: लेखा कार्यालय की लापरवाही जिले के हजारों शिक्षकों के लिए परेशानी बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिक्षकों के वेतन से की गई आयकर कटौती की धनराशि आयकर विभाग तक नहीं पहुंची। जबकि विभाग ने कटौती संबंधित दिए गए प्रपत्र में पूरी धनराशि अंकित कर दी है। आयकर को की गई कटौती न मिलने की स्थिति में रिटर्न नहीं भर पा रहे, जबकि इस बार से आयकर रिटर्न दाखिल न करने की स्थिति में जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 1समस्या विभाग के 3500 से ज्यादा शिक्षकों की है। लेखा विभाग में शिक्षकों को प्रपत्र 16 थमा दिया, जिसमें पूरे साल वेतन से की गई कटौती को अंकित कर दिया गया है। जब आयकर रिटर्न भरा जा रहा है तो आयकर विभाग की वेबसाइट पर कटौती की गई धनराशि कम अंकित होने की स्थिति में रिटर्न की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। जून माह में कुछ इस तरह की समस्या रिटर्न भरने के दौरान सामने आई। विभाग को भी अवगत कराया गया कि 1 से 2 महीने की विभाग द्वारा वेतन से की गई आयकर कटौती संबंधित विभाग को नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में रिटर्न भरा जाना संभव नहीं है। जब मामला चर्चाओं में आया तो स्पष्ट हुआ कि आयकर कटौती की गई धनराशि की सीडी विभाग से आयकर विभाग को भेजी ही नहीं गई। इसी कारण अपलोड न होने की स्थिति में धनराशि कम दर्शायी जा रही है और रिटर्न भी नहीं भरे जा रहे। इस तरह बेवजह की समस्या स्थानांतरित हुए लेखाधिकारी के कारण उत्पन्न हो गई, जिसका निराकरण अभी तक नहीं हो पाया है। जुलाई के शुरूआत से ही खामी को दूर कराए जाने की बात की जा रही है, लेकिन अभी तक आयकर कटौती संबंधित सीडी लोड नहीं हो सकी है। खास बात तो यह है कि जिन लेखाधिकारी द्वारा कटौती प्रपत्र में पूरी धनराशि काटे जाने का विवरण अंकित किया है तो फिर वह धनराशि आयकर विभाग को क्यों नहीं पहुंचाई गई। फिलहाल जल्दी ही समस्या का हल होने के दावे विभाग कर रहा है। बीएसए मनोज कुमार गिरि ने बताया है कि समस्या का समाधान जल्दी करा दिया जाएगा। उधर शिक्षक संगठन भी विभागीय लापरवाही पर आक्रोश जताने लगे हैं।जागरण संवाददाता, एटा: लेखा कार्यालय की लापरवाही जिले के हजारों शिक्षकों के लिए परेशानी बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिक्षकों के वेतन से की गई आयकर कटौती की धनराशि आयकर विभाग तक नहीं पहुंची। जबकि विभाग ने कटौती संबंधित दिए गए प्रपत्र में पूरी धनराशि अंकित कर दी है। आयकर को की गई कटौती न मिलने की स्थिति में रिटर्न नहीं भर पा रहे, जबकि इस बार से आयकर रिटर्न दाखिल न करने की स्थिति में जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 1समस्या विभाग के 3500 से ज्यादा शिक्षकों की है। लेखा विभाग में शिक्षकों को प्रपत्र 16 थमा दिया, जिसमें पूरे साल वेतन से की गई कटौती को अंकित कर दिया गया है। जब आयकर रिटर्न भरा जा रहा है तो आयकर विभाग की वेबसाइट पर कटौती की गई धनराशि कम अंकित होने की स्थिति में रिटर्न की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। जून माह में कुछ इस तरह की समस्या रिटर्न भरने के दौरान सामने आई। विभाग को भी अवगत कराया गया कि 1 से 2 महीने की विभाग द्वारा वेतन से की गई आयकर कटौती संबंधित विभाग को नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में रिटर्न भरा जाना संभव नहीं है। जब मामला चर्चाओं में आया तो स्पष्ट हुआ कि आयकर कटौती की गई धनराशि की सीडी विभाग से आयकर विभाग को भेजी ही नहीं गई। इसी कारण अपलोड न होने की स्थिति में धनराशि कम दर्शायी जा रही है और रिटर्न भी नहीं भरे जा रहे। इस तरह बेवजह की समस्या स्थानांतरित हुए लेखाधिकारी के कारण उत्पन्न हो गई, जिसका निराकरण अभी तक नहीं हो पाया है। जुलाई के शुरूआत से ही खामी को दूर कराए जाने की बात की जा रही है, लेकिन अभी तक आयकर कटौती संबंधित सीडी लोड नहीं हो सकी है। खास बात तो यह है कि जिन लेखाधिकारी द्वारा कटौती प्रपत्र में पूरी धनराशि काटे जाने का विवरण अंकित किया है तो फिर वह धनराशि आयकर विभाग को क्यों नहीं पहुंचाई गई। फिलहाल जल्दी ही समस्या का हल होने के दावे विभाग कर रहा है। बीएसए मनोज कुमार गिरि ने बताया है कि समस्या का समाधान जल्दी करा दिया जाएगा। उधर शिक्षक संगठन भी विभागीय लापरवाही पर आक्रोश जताने लगे हैं।