मेरठ : दिव्यांग शिक्षिका को स्कूल से धक्का देकर निकाला
जासं, मेरठ : पल्लवपुरम फेज-दो स्थित वाणी स्कूल एंड रिसर्च सेंटर प्रबंधन ने दिव्यांग शिक्षिका के स्कूल में प्रवेश पर रोक लगा दी। आरोप है कि गुरुवार को शिक्षिका को धक्का देकर बाहर कर दिया। पीड़िता ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जिला विकलांग कल्याण अधिकारी को पत्र भेजकर शिकायत की है।1फ्रेंड्स ऑफ हैंडीकैप्ड ट्रस्ट की ओर से पल्लवपुरम फेज-दो में संचालित वाणी स्कूल एंड रिसर्च सेंटर पर दिव्यांग सरिता शर्मा 2004 से शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। उनका आरोप है कि प्रतिमाह आधा वेतन समिति में जमा कराने का दबाव बनाया जाता है। फ्री बांटने वाले सामान को बच्चों को पैसों में बेचा जाता है। प्रबंधन और प्रधानाचार्य ने इस्तीफे पर फर्जी हस्ताक्षर कर उसे नौकरी से निकाल दिया। प्रबंध समिति के चेयरमैन नरेश्वर प्रसाद जैन और सेक्रेट्री कपिल अग्रवाल का कहना है कि सरिता स्टाफ को झूठे केस में जेल भिजवाने की धमकी देती हैं। सभी आरोप निराधार हैं। उन्हें नौकरी से निष्कासित कर दिया गया है। प्रधानाचार्य अंशु गुप्ता का कहना है कि 21 माह से सरकार से अनुदान नहीं आया। इसके बावजूद समय से वेतन दिया जा रहा है। शिक्षिका के सभी आरोप बेबुनियाद हैं।जासं, मेरठ : पल्लवपुरम फेज-दो स्थित वाणी स्कूल एंड रिसर्च सेंटर प्रबंधन ने दिव्यांग शिक्षिका के स्कूल में प्रवेश पर रोक लगा दी। आरोप है कि गुरुवार को शिक्षिका को धक्का देकर बाहर कर दिया। पीड़िता ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जिला विकलांग कल्याण अधिकारी को पत्र भेजकर शिकायत की है।1फ्रेंड्स ऑफ हैंडीकैप्ड ट्रस्ट की ओर से पल्लवपुरम फेज-दो में संचालित वाणी स्कूल एंड रिसर्च सेंटर पर दिव्यांग सरिता शर्मा 2004 से शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। उनका आरोप है कि प्रतिमाह आधा वेतन समिति में जमा कराने का दबाव बनाया जाता है। फ्री बांटने वाले सामान को बच्चों को पैसों में बेचा जाता है। प्रबंधन और प्रधानाचार्य ने इस्तीफे पर फर्जी हस्ताक्षर कर उसे नौकरी से निकाल दिया। प्रबंध समिति के चेयरमैन नरेश्वर प्रसाद जैन और सेक्रेट्री कपिल अग्रवाल का कहना है कि सरिता स्टाफ को झूठे केस में जेल भिजवाने की धमकी देती हैं। सभी आरोप निराधार हैं। उन्हें नौकरी से निष्कासित कर दिया गया है। प्रधानाचार्य अंशु गुप्ता का कहना है कि 21 माह से सरकार से अनुदान नहीं आया। इसके बावजूद समय से वेतन दिया जा रहा है। शिक्षिका के सभी आरोप बेबुनियाद हैं।