गृहकार्य से मजबूत हो रही बुनियादी शिक्षा की रीढ़
बलरामपुर : भले ही स्कूल में बिजली कनेक्शन, अतिरिक्त कक्ष व चहारदीवारी का अभाव हो लेकिन, श्ि...
बलरामपुर : भले ही स्कूल में बिजली कनेक्शन, अतिरिक्त कक्ष व चहारदीवारी का अभाव हो लेकिन, शिक्षकों की लगन व मेहनत से प्राथमिक विद्यालय सोनपुर ग्रामीण स्कूलों के लिए नजीर बन गया है। यहां बच्चों को गृहकार्य देकर लगातार पढ़ाई से जोड़े रखने की पद्धति अन्य विद्यालयों से अलग करती है। बच्चों को मोबाइल व लैपटॉप पर कहानी, गीतों के माध्यम से रोचक ज्ञान देने के साथ ही व्यायाम व खेलकूद का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। हर शनिवार को नो बैग डे पर बच्चों में क्राफ्ट के जरिए कलात्मक क्षमता को भी निखारा जाता है। स्कूल में 242 बच्चे पंजीकृत होने के बाद भी नामांकन के लिए कतार लगी हुई है। जिसमें कमरों का अभाव रोड़ा बना हुआ है।
ऐसे बदलती गई तस्वीर :-वर्ष 2014 में प्रावि सोनपुर में 127 बच्चों का नामांकन था। विद्यालय में शिक्षामित्र पारुल ¨सह की तैनाती थी। इसी वर्ष प्रधानाध्यापक नीरज कुमार शुक्ल की तैनाती हुई। उन्होंने बच्चों को आधुनिक विधि से पढ़ाने की परंपरा शुरू की। बच्चों को मोबाइल व लैपटाप पर ज्ञानवर्धक कविताओं व कहानियों की वीडियो क्लिप दिखाकर रोचक ज्ञान देना शुरू किया। बाद में सहायक अध्यापक रेनू गुप्ता व रश्मि वर्मा की तैनाती हुई। शिक्षिका रेनू गुप्ता ने बच्चों को क्राफ्ट के गुर सिखाना शुरू किया। बच्चों को गृहकार्य देने की परंपरा शुरू हुई। जिससे अभिभावक प्रभावित होने लगे। 2015 में 183, 2016 में 213, व 2017 में बच्चों की संख्या 204 व वर्तमान में 242 बच्चों का नामांकन है।
जिम्मेदार के बोल :-बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि स्कूल में जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए विभाग हर संभव मदद करने को तैयार है।