देवरिया : शौचालय साफ नहीं करने पर वार्डन ने छात्राओं को घर भेजा
देवरिया में सरकारी प्राइमरी स्कूल को मदरसे की तर्ज पर चलाये जाने का मामला सामने आने के बाद अब यहां कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का मामला सामने आया है।...
देवरिया (जेएनएन)। प्राथमिक स्कूलों के मदरसा में तब्दील होने के बाद एक बार फिर देवरिया स्कूल को लेकर चर्चा में हैं। यहां पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रा सलीमा व नाफरीन को वार्डन श्रुति मिश्रा ने तीन दिन पहले स्वच्छता पर सीख देने की खातिर शौचालय साफ करने को कहा, जब छात्राओं ने मना कर दिया तो उनको घर भेज दिया गया। इसके बाद से छात्राएं स्कूल नहीं आ रही है। इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पाण्डेय ने कहा कि इस मामले की जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।
देवरिया में सरकारी प्राइमरी स्कूल को मदरसे की तर्ज पर चलाये जाने का मामला सामने आने के बाद अब यहां कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का मामला सामने आया है। यहां वॉर्डन ने छात्राओं को शौचालय साफ करने को कहा तो छात्राओं ने मना कर दिया। इसके बाद वार्डन ने इनको घर भेज दिया। पिछले चार दिनों से दोनों बहनें घर में हैं। देवरिया के एक आवासीय विद्यालय की दो छात्राओं ने आरोप लगाया है कि शौचालय साफ करने से इनकार करने पर उन्हें स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इनका आरोप है कि हॉस्टल की वार्डन ने उन्हें शौचालय साफ करने को कहा था।
कक्षा सातवीं की छात्रा सलीमा और कक्षा छह की छात्रा नाफरीन रामपुर पुलिस थानाक्षेत्र के तहत आने वाले सानी पट्टी इलाके की निवासी हैं और उनके पिता मजदूर हैं। छात्राओं ने बताया कि वार्डन उन्हें शौचालय साफ करने पर मजबूर करती थीं और जब भी वह पढऩा चाहती थीं तो उनसे खराब ढंग से पेश आती थीं। तब उन्होंने तंग आकर कहा कि अब और शौचालय साफ नहीं करेंगे जिसपर उन्हें बाहर कर दिया गया। छात्राओं का आरोप है कि वार्डन हमसे अपना खाना बनवाती, शौचालय साफ करवाती और जब मना करो तो जूताखोर बोल कर भगा देती हैं। हम परेशान होकर घर आ गए हैं।
ब्लॉक रामपुर कारखाना का आवासीय कस्तूरबा विद्यालय में पढऩे वाली पीडि़त छात्रा सलीमन ने बताया कि इसी साल हमारा एडमिशन कराया गया था। हमारी मैडम (वार्डन) पढ़ाई नहीं करने देती थी बल्कि अपने घर का काम करवाया करती थी। कभी बच्चे को टॉयलेट करवाना तो कभी टॉयलेट साफ करवाती थी। छोटी बहन नाफरीद ने बताया कि हम बच्चों का खाना एक आंटी बनाती थी जबकि मैडम अपना खाना हम लोगों से बनवाती थीं। काम करने से मना कर दो तो हॉस्टल से भगा देती थीं। बड़ी बहन सलीमन कक्षा सात की छात्रा है जबकि छोटी बहन नाफरीद कक्षा छह की छात्रा है।
इनकी मां नूरजहां का कहना है कि स्कूल हमारे घर से काफी दूर है। जब बच्चों की जिम्मेदारी स्कूल ने ली है तो फिर बच्चों को स्कूल से अकेले कैसे आने दिया। अगर बच्चों को कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता। उन्होंने कहा वार्डन श्रुति मिश्रा के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पाण्डेय ने कहा प्रकरण की जांच कराकर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।