सम्भल : परिषदीय स्कूलों में नहीं पहुंची किताबें
जागरण संवाददाता, मसवासी : शिक्षा सत्र शुरु हुए 12 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक परिषदीय स्कूलों में किताबें नहीं पहुंच सकी हैं। विद्यार्थी बीते वर्ष की आधी-अधूरी किताबों से ही पढ़ाई कर रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्रओं को एक के बाद एक सुविधाएं दी जा रही हैं। शासन की मंशा है कि गरीबों के बच्चे धन के अभाव में अनपढ़ न रहें, इसलिए कक्षा एक से लेकर आठ तक के सभी छात्र-छात्रओं को निश्शुल्क किताबें दी जा रही हैं।इनमें परिषदीय स्कूलों के अलावा राजकीय स्कूल, अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूल, सहायता प्राप्त मदरसे, बालश्रम स्कूल और कस्तूरबा गांधी आदि स्कूलों में किताबों की व्यवस्था बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से की जाती है।इन स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक सभी किताबें निश्शुल्क दिए जाने का प्राविधान है, लेकिन प्रत्येक वर्ष व्यवस्था समय पर नहीं हो पाती।एक जुलाई से स्कूल खुल गए हैं।1 बच्चे स्कूल भी जा रहे हैं, लेकिन स्कूलों में अभी तक पढ़ाई शुरु नहीं हो सकी है, हालांकि कक्षा एक छह में ही नए छात्रों का दाखिला होना है।बाकी कक्षाओं में पिछली कक्षा से छात्र आए हैं।कक्षा एक और छह को छोड़कर बाकी कक्षाओं में पढ़ाई शुरु हो जानी चाहिए थी, लेकिन किताबों के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षासत्र के 12 दिन बीतने के बाद भी स्कूलों में पढ़ाई शुरु नहीं हो सकी है।मामले में स्वार खंड शिक्षाधिकारी त्रिलोकीनाथ गंगवार ने बताया है कि कक्षा सात और आठ की किताबें सभी जूनियर स्कूलों में दी जा चुकी हैं, जबकि कक्षा एक से कक्षा छह तक की किताबें अभी आई नहीं हैं।छात्रों को निश्शुल्क बस्ते बंटवाने के लिए एनपीआरसी को दे दिए गए हैं।जागरण संवाददाता, मसवासी : शिक्षा सत्र शुरु हुए 12 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक परिषदीय स्कूलों में किताबें नहीं पहुंच सकी हैं। विद्यार्थी बीते वर्ष की आधी-अधूरी किताबों से ही पढ़ाई कर रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्रओं को एक के बाद एक सुविधाएं दी जा रही हैं। शासन की मंशा है कि गरीबों के बच्चे धन के अभाव में अनपढ़ न रहें, इसलिए कक्षा एक से लेकर आठ तक के सभी छात्र-छात्रओं को निश्शुल्क किताबें दी जा रही हैं।इनमें परिषदीय स्कूलों के अलावा राजकीय स्कूल, अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूल, सहायता प्राप्त मदरसे, बालश्रम स्कूल और कस्तूरबा गांधी आदि स्कूलों में किताबों की व्यवस्था बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से की जाती है।इन स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक सभी किताबें निश्शुल्क दिए जाने का प्राविधान है, लेकिन प्रत्येक वर्ष व्यवस्था समय पर नहीं हो पाती।एक जुलाई से स्कूल खुल गए हैं।1 बच्चे स्कूल भी जा रहे हैं, लेकिन स्कूलों में अभी तक पढ़ाई शुरु नहीं हो सकी है, हालांकि कक्षा एक छह में ही नए छात्रों का दाखिला होना है।बाकी कक्षाओं में पिछली कक्षा से छात्र आए हैं।कक्षा एक और छह को छोड़कर बाकी कक्षाओं में पढ़ाई शुरु हो जानी चाहिए थी, लेकिन किताबों के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षासत्र के 12 दिन बीतने के बाद भी स्कूलों में पढ़ाई शुरु नहीं हो सकी है।मामले में स्वार खंड शिक्षाधिकारी त्रिलोकीनाथ गंगवार ने बताया है कि कक्षा सात और आठ की किताबें सभी जूनियर स्कूलों में दी जा चुकी हैं, जबकि कक्षा एक से कक्षा छह तक की किताबें अभी आई नहीं हैं।छात्रों को निश्शुल्क बस्ते बंटवाने के लिए एनपीआरसी को दे दिए गए हैं।