बीएलओ को नहीं दिखे 25000 युवा मतदाता
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले के करीब 25 हजार युवाओं को मताधिकार मिलने का इंतजार है। मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान निपट गया, लेकिन बीएलओ को ये युवा नजर नहीं आए। ऐसे में पुनरीक्षण अभियान के तहत जोड़े-हटाए गए नामों पर भी सवाल उठता है। घरों या बूथों पर गए बिना बीएलओ ने मनमाने तरीके सूचियों में नाम घटाए-बढ़ाए, ये आरोप लग रहे हैं। अभियान के नाम पर हुए इस मजाक पर जिम्मेदार अधिकारी संजीदा नहीं हुए तो पहली सितंबर से फिर शुरू हो रहा विशेष अभियान भी लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगा।
जिले में 18 साल की आयु पूरी करने वाले युवाओं को मतदान का संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए हर छह माह में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चलाया जाता है। इसके बाद भी जिले में हजारों युवाओं का नाम मतदाता सूची शामिल नहीं हो पाया है। पुनरीक्षण अभियान में घर-घर जाकर युवाओं या छूटे मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने के साथ ही वोटर कार्ड में त्रुटि सुधारने की व्यवस्था रहती है। बीएलओ घर-घर जाना तो दूर,बूथ पर भी जाकर नहीं बैठते। इसी का नतीजा है कि युवा मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के इंतजार में हैं।
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निकाय चुनाव में भी हुआ था बखेड़ा
मतदाता सूची को लेकर नगर निकाय चुनाव में सबसे ज्यादा बवाल हुआ था। इस सूची में हजारों मतदाता गायब थे। विधानसभा निर्वाचन नामावली से भी बड़ी संख्या में लोगों के नाम गायब थे। भाजपा ने अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं के जरिए मतदाता सूची का सत्यापन कराया तो पता चला कि जिले के नगर निकायों में करीब 10 हजार मतदाताओं का नाम सूची से गायब था। इतनी ही संख्या में नए मतदाता के रूप में युवाओं का नाम जुड़ना था।
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अबकी होगी सख्त निगरानी
पहली सितंबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू हो रहा है। इसमें दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी। पहली जनवरी 2019 को 18 साल की आयु पूरी कर रहे युवा मतदाता सूची में नाम दर्ज करा सकते हैं। इस बार बीएलओ की पूरी सख्ती से निगरानी की जाएगी।
-डीपी गिरि, जिला निर्वाचन अधिकारी