ऐसा स्कूल जहां 300 से कम नहीं होते बच्चे
बलरामपुर : एक ओर जहां बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों में नामांकन बढ़ाने में हांफ रहा है।...
बलरामपुर : एक ओर जहां बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों में नामांकन बढ़ाने में हांफ रहा है। वहीं सदर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अगरहवा अन्य स्कूलों को आईना दिखा रहा है। बीते सात वर्ष में इस स्कूल में बच्चों की संख्या 300 से कम नहीं हुई। यही नहीं स्कूलों में नामांकन के साथ ही बच्चों का ठहराव व कमजोर बच्चों को दी जान वाली एक्स्ट्रा क्लासें इसे अन्य स्कूलों से अलग करती हैं। वर्तमान सत्र में स्कूल में 344 बच्चों का नामांकन होने के बाद भी अभिभावक दाखिले के लिए शिक्षकों की मान-मनौवल में जुटे हैं। ऐसे बदलती गई तस्वीर :-विद्यालय की प्रधानाध्यापिका उर्मिला देवी ने बताया कि दिसंबर 2011 में यहां तैनात हुईं हैं। उस समय बच्चों की संख्या 350 थी। शिक्षामित्र सीमा शर्मा के अतिरिक्त कोई शिक्षक नहीं था। उन्होंने स्कूल में बाल संसद, भोजन समिति व प्रार्थना समिति का गठन कर बच्चों के ठहराव पर कार्य करना शुरू किया। बच्चों को बागवानी के गुर सिखाए। बच्चों की संख्या को देखकर संस्था केयर इंडिया ने सहयोग कर बच्चों को टीएलम के जरिए रोचक शिक्षा देने की शुरुआत की। 2014 में तैनात हुईं सहायक अध्यापिका वैष्णवी त्रिपाठी ने क्राफ्ट वर्क से बच्चों की कलात्मक क्षमता को निखारना शुरू किया। इसके बाद 2016 में सहायक अध्यापक अंजली सोनी, अनिल तिवारी व अतुल पांडेय की तैनाती होने पर बच्चों को एक्टिविटी शिक्षा के साथ नियमित खेलकूद, व्यायाम, मोबाइल से कविता, कहानी का रोचक ज्ञान दिया जाने लगा। वर्तमान में बच्चों के खेलकूद के लिए बैट-बाल, फुटबाल, कैरम, लूडो व पुस्तकालय की व्यवस्था है। खेलकूद में मिला खिताब :- ब्लॉक स्तर कबड्डी प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया। साथ ही जिला स्तरीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता में भी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने 100 मीटर व 50 मीटर दौड़ में पहला स्थान पाकर स्कूल का नाम रोशन किया है। बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि भवन की संख्या कम है। इसलिए बच्चों का नामांकन करने में दिक्कतें होती हैं। बावजूद इसके दाखिला लेने के लिए कहा गया है।