इलाहाबाद : 68500 परीक्षा के अर्हता अंक पर फंसा पेच
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती की लिखित परीक्षा के अर्हता अंक को लेकर पेच फंस गया है। अर्हता अंक को लेकर हाईकोर्ट में याचिका होने के बाद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने शासन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। शासन का निर्देश मिलने के बाद जल्द परिणाम घोषित होने की उम्मीद है क्योंकि मूल्यांकन का काम अंतिम चरण में है।
सरकार ने 9 नवंबर 2017 को अध्यापक सेवा नियमावली में बदलाव करते हुए सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी थी। इसके बाद 68500 शिक्षकों की भर्ती के लिए 9 जनवरी 2018 को आदेश जारी हुआ। 17 जनवरी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को दी गई। बीटीसी और टीईटी पास अभ्यर्थियों से 17 मई तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गये थे।
27 मई की लिखित परीक्षा से छह दिन पहले 21 मई को सरकार ने अर्हता अंक में बड़ा बदलाव कर दिया। 150 अंकों की परीक्षा में सामान्य व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी 49 नंबर (33 प्रतिशत) या अधिक जबकि एससी/एसटी वर्ग के अभ्यर्थी 45 नंबर (30 प्रतिशत) या अधिक पर ही पास मान्य कर लिए गए। जबकि नौ जनवरी के शासनादेश में सामान्य व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अर्हता अंक 67 (45 प्रतिशत) और एससी/एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 अंक (40 प्रतिशत) था।
दिवाकर सिंह की ओर से दायर याचिका में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 24 जुलाई के आदेश में सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई सितंबर के पहले सप्ताह में संभावित है।