70 कंडम स्कूल भवनों को सील करेगा प्रशासन
347 विद्यालयों की नहीं चल पा रही कक्षाएं...
सिद्धार्थनगर : ऐसे विद्यालय जिनके भवन कंडम घोषित होने की श्रेणी में आ गए है, प्रशासन उन्हें तत्काल सील करने की कार्रवाई करेगी। जर्जर भवनों को चिह्नित किया जाएगा। चिह्नित स्कूलों का मरम्मत कार्य अतिशीघ्र कराने पर जोर दिया गया है। बच्चों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा देने की कवायद शुरू कर दी गई है। 399 विद्यालयों को जर्जर माना गया है। 70 कंडम की श्रेणी में है।
परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा देने की कवायद शुरू कर दी गई है। भवनों का मरम्मत कार्य कराया जाएगा। जिले में कुल 2664 परिषदीय विद्यालय संचालित है। इनमें 1924 प्राथमिक व 740 पूर्व माध्यमिक विद्यालय सम्मिलित है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 399 विद्यालय जर्जर की स्थिति में पहुंच गए है। इन विद्यालयों में दीवारें फट चुकी है। फर्श टूटे है। छत से पानी टपकता है। इन्हीं चिह्नित विद्यालय में से 70 कंडम की श्रेणी में माने गए है। 347 विद्यालयों की कक्षाएं मूल भवन में नहीं चल रही है। इन स्कूलों का पठन-पाठन ग्राम शिक्षा समिति के अनुमोदन पर अतिरिक्त कक्ष में चलाई जा रही है। भवनों का सत्यापन पीडब्लूडी व आरईएस विभाग के जेई करते है। इन्हीं की रिपोर्ट पर भवन को जर्जर व कंडम घोषित किया जाता है। इस संबंध में जिला समन्वयक निर्माण रितेश श्रीवास्तव कहते है कि जर्जर स्कूल भवनों को चिह्नित कर लिया गया है। पीडब्लूडी व आरईएस विभाग के जेई के रिपोर्ट पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। बीएसए राम ¨सह ने कहा कि भवनों की जांच की जा रही है। विद्यालय भवन का मरम्मत व विकास कार्य कराने के लिए ग्राम शिक्षा समिति व डीपीआरओ को नियुक्त किया गया है। भवनों का चिह्नांकन करने के बाद रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी जाएगी।
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वर्ष 2014 के बाद नहीं हुआ स्कूल भवन निर्माण
वर्ष 2014 के बाद से परिषदीय विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हुआ है। अतिरिक्त कक्ष भी नहीं बनाया गया। मरम्मत कार्य भी नहीं हुआ। इससे सभी विद्यालयों के भवन जर्जर अवस्था में पहुंचने लगे है।
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जर्जर व कंडम स्कूल भवनों को चिह्नित किया जाएगा। अगर भवन पठन-पाठन कार्य के लिए उपयुक्त नहीं है तो प्रशासन उसे सील करने की कार्रवाई करेगा। इस संबंध में बीएसए को निर्देशित किया गया है।
कुणाल सिल्कू डीएम