भ्रष्टाचार के तंदूर में सिक रही मिड-डे मील की रोटी
जागरण संवाददाता, बागपत : परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील का हाल बुरा है। बच्चों को मिलने वाल...
जागरण संवाददाता, बागपत : परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील का हाल बुरा है। बच्चों को मिलने वाला मिड-डे मील भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा है। कहीं मिड-डे मील नहीं बन रहा तो कहीं मिलावटी भोजन बच्चों का जायका और सेहत दोनों बिगाड़ रहा है। कुछ स्कूलों में न गैस सिलेंडर हैं, और न बर्तन, फिर भी मिड-डे मील बच्चों को बंट रहा है। साफ है कि मिड-डे मील की स्थिति जनपद में अच्छी नहीं है। यही कारण है कि 43 फीसद बच्चे मिड-डे मील से दूर रहते हैं।
प्राथमिक स्कूल पाठशाला रटौल में गुरुवार को महज चार बच्चे पढ़ने के लिए आए। इन बच्चों को मिड-डे मील बनाकर देने के बजाय बाजार से बिस्कुट मंगाकर दिया गया। प्राथमिक स्कूल नंबर दो रटौल में बारिश का पानी भरा होने के कारण महज पांच बच्चे आए, जिन्हें मेन्यू के अनुसार रोटी-सब्जी युक्त दाल के बजाय पकौड़ी बनाकर खिलाई गई। बड़ौत नगर के नेहरू रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील में दाल-रोटी बनाई गई, लेकिन भोजन की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सविता देवी ने बताया कि स्कूल में पंजीकृत 164 बच्चों में से गुरुवार को 80 बच्चे उपस्थित हुए। बुधवार को बकरीद की छुट्टी के चलते बच्चों को दिए जाने वाले दूध का वितरण गुरुवार को किया गया। नेहरू रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय में 124 विद्यार्थियों में 56 बच्चों ने मील खाया। प्राथमिक स्कूल खुब्बीपुर निवाड़ा में भी मिड-डे मील की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं मिली।
प्राथमिक विद्यालय नंबर तीन दोघट में एक घंटे देरी से बच्चों को भोजन परोसा गया। रसोइया जहां खाना तैयार कर रही थीं वहीं अपने चप्पल भी रखे हुए थे। साफ है कि मिड-डे मील के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। यही कारण है कि जिले में 66 हजार बच्चों में 28 हजार बच्चे मिड डे मील से दूर रहते हैं।
यहां नहीं गैस सिलेंडर
जिले के 40 स्कूलों में तो गैस सिलेंडर ही नहीं हैं। पिलाना, पूठड़, बाणगंगा, रतनपुरी, रोशनगढ़, दौलतपुर, सांकलपुट्ठी गांवों की प्राथमिक स्कूलों से तो गैस सिलेंडर चोरी हो चुके हैं।
इन स्कूलों में बर्तन नहीं
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा गत माह कराए गए सर्वे के अनुसार, 20 स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील खाने के लिए बर्तन ही नहीं हैं। वहीं कई स्कूलों में बर्तन इतने जर्जर हो चुके हैं कि बच्चे उनमें मिड डे मील खाने से बचने लगे।
मिड-डे मील को लेकर हंगामा
मलकपुर के जूनियर कन्या पाठशाला में पिछले पौने दो महीने से मिड-डे-मील नहीं बन रहा है। इसके विरोध में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने तहसील पहुंचकर हंगामा किया। मामले की भनक लगते ही बीईओ मौके पर पहुंचे और बच्चों को शुक्रवार से मिड-डे-मील की व्यवस्था कराने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया। दरअसल इस पाठशाला में लंबे समय से कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका और रसोइयों में विवाद है, जिसका खामियाजा 110 बच्चों को उठाना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान कृष्णपाल ¨सह के मुताबिक एक साल पहले इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सुषमा और दो रसोइयों के बीच कहासुनी के बाद मारपीट हो गई थी, जिसके बाद दोनों तरफ से कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद दोनों रसोइयों को हटाकर उनके स्थान पर दूसरे रसोइयों को नियुक्त किया गया था, मगर उनके साथ भी इंचार्ज प्रधानाध्यापिक की नहीं नहीं बनी। खंड शिक्षा अधिकारी विनोद वर्मा ने कहा कि शुक्रवार से बच्चों को मिड-डे मील बंटवाना शुरू कर दिया जाएगा।