अनफिट स्कूली वाहनों से ढोए जा रहे बच्चे
महराजगंज : तराई के जनपद में बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। अनफिट स्कूली वाहनों से बच्चे ढोए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दर किनार कर प्राइवेट वाहनों से नौनिहालों को ढोया जा रहा है और बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ जिम्मेदार कार्रवाई से कतरा रहे हैं। जनपद में संचालित 410 स्कूलों में बच्चों के आवागमन के लिए 470 बस व मिनी बस लगाई गई है। इसमें से 430 बस फिट व 40 अनफिट बस फर्राटा भर रहीं हैं। इन स्कूली बसों में से 300 में आग से बचाव के लिए सीज फायर व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं है। स्कूली वाहनों में लगी खिड़कियों में जाली नहीं लगी है। बैग रखने की भी उपयुक्त व्यवस्था नहीं है। इन स्कूली वाहनों में बच्चों को भूसे की तरह ठूंस कर ले जाया जा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि 80 फीसद स्कूली वाहनों में बच्चों को चढ़ाने व उतारने के लिए सहायक नहीं हैं। स्कूलों के प्रबंधतंत्र का सारा ध्यान राजस्व बढ़ाने, लाभ कमाने की ओर है। बच्चों के जीवन की रक्षा की ओर उनका ध्यान ही नहीं है। सभी स्कूली वाहन पीले कलर में रंगे नहीं गए हैं। वाहनों पर स्कूल के प्रधानाचार्य, पुलिस कंट्रोल रूम, अस्पताल, चालक का मोबाइल नंबर नहीं लिखा है। बैग टांगने की व्यवस्था किसी भी प्राइवेट वाहन में नहीं हैं। अब तो आटो में भी बच्चों को ढोया जाने लगा है। आटो में आड़े-तीरछे बैठे बच्चों को हर समय गिरने का भय सताता रहता है। बच्चों की सेहत से हो रहे खिलवाड़ को जिम्मेदार अधिकारी भी जानते हैं पर अगस्त बीत रहा है पर किसी भी अधिकारी ने अनफिट स्कूली वाहनों से ढोए जा रहे बच्चों की सुरक्षा के लिए वाहनों की जांच तक नहीं की, कार्रवाई की बात तो दूर रहे ।
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सितंबर में चलेगा जांच अभियान
जुलाई माह में 470 स्कूली वाहनों की जांच कराई गई थी। इसमें से 40 अनफिट मिले थे। अनफिट मिले वाहनों के संचालकों व संबंधित स्कूल के प्रबंध तंत्र को नोटिस जारी कर वाहनों को फिट कराने के निर्देश दिए गए थे। सितंबर में दोबारा जांच अभियान चलेगा और अनफिट मिलने वाले स्कूली वाहनों को सीज कर दिया जाएगा। सभी स्कूलों के प्रबंधतंत्र को निर्देश दिया है कि छोटे व खुले वाहनों में बच्चों को न ढोया जाए। खुले वाहनों में बच्चों को ढोना दंडनीय अपराध है।
रामचंद्र भारतीय
सहायक उप संभागीय परिवहन अधिकारी