किताबें अब तक नहीं बंटीं, एग्जाम आ गया, अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूलों का हाल
अंग्रेजी माध्यम की कुछ किताबें आ गई हैं, उनका सत्यापन 16 अगस्त को करवाते हुए जल्द से जल्द वितरण कराया जाएगा। हिन्दी माध्यम की जो किताबें नहीं आई हैं, उसकी भी जानकारी की जा रही है।
- डॉ. अमर कांत सिंह, बीएसए,
लखनऊ• एनबीटी, लखनऊ : राजधानी के अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय विद्यालयों में सत्र शुरू होने के साढ़े तीन महीने बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग अंग्रेजी माध्यम की किताबें नहीं दे सका है। यह स्थित तब है जबकि इस महीने स्कूलों में सत्र परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में शिक्षक जैसे-तैसे बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हैं।
प्रदेश सरकार ने कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों को भी अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने का आदेश दिया था। इसके तहत राजधानी में भी प्रत्येक ब्लॉक से पांच-पांच प्राथमिक विद्यालयों का चयन करते हुए संचालन शुरू करा दिया गया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने निर्देश दिए थे सभी बच्चों को समय से किताबें उपलब्ध करवा दी जाएं, लेकिन विभाग के जिम्मेदार इस आदेश का पालन नहीं कर पाए हैं। आलम यह है कि साढ़े तीन महीने बाद भी अंग्रेजी माध्यम की एक भी किताबें बच्चों
महज कक्षा एक से तीन की किताबें ही छपीं
स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक किताबें दी जानी हैं, लेकिन अब तक सभी कक्षाओं की किताबें छप कर ही नहीं आ पाई हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के जानकारों के मुताबिक अभी कक्षा एक से तीन तक की किताबें ही आई हैं, लेकिन उनका सत्यापन ही नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से किताबें निराला नगर स्थित प्राथिमक विद्यालय की कम्प्यूटर लैब में रखी हैं।
हिन्दी माध्यम की किताबों का भी टोटा
किताबों की किल्लत हिन्दी माध्यम के स्कूलों में भी है। अभी तक कक्षा तीन, चार और पांच की अंग्रेजी की किताब ही नहीं छप कर आई है। वहीं, कक्षा सात में एक भी किताबें नहीं आई हैं। इसके अलावा कक्षा छह में भी 13 में से सिर्फ चार किताबें बच्चों को दी गई हैं। परिषदीय विद्यालयों के अलावा राजधानी के कई एडेड स्कूलों के बच्चे भी किताबें न मिलने से परेशान हैं।