कांवेंट से टक्कर, सिर्फ दस विद्यालयों में कुर्सी-मेज
जागरण संवाददाता, बांदा : परिषदीय स्कूलों के बच्चों को अधिकारियों की लापरवाही के चलते कुसी...
जागरण संवाददाता, बांदा : परिषदीय स्कूलों के बच्चों को अधिकारियों की लापरवाही के चलते कुर्सी-मेज में बैठकर पढ़ने में अभी और वक्त लगेगा। चालू शिक्षा सत्र के चार माह का समय बीत जाने के बाद चयनित विद्यालयों को फर्नीचर नहीं उपलब्ध कराया जा सका है। बच्चे आज भी टाट-फट्टी में बैठकर पढ़ाई कर रहे है। ऐसा नहीं है कि
विभाग के पास पैसा नहीं है। सरकार ने मार्च माह में ही जिले के 127 विद्यालयों के लिए बजट उपलब्ध करा दिया था। सरकार कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों को खड़ा करने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। लेकिन जिला स्तर पर अधिकारी शासन की मंशा में पलीता लगाने का काम कर रहे है। शासन ने प्रथम चरण में मार्च 2018 को जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए 1 करोड़ 95 लाख की धनराशि अवमुक्त की थी। लेकिन जनपद में उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 643 है। ऐसी स्थित में विभाग ने फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए अधिक छात्र संख्या वाले 125 विद्यालयों का चयन किया था। फर्नीचर उपलब्ध कराए ने के लिए बकायदा ठेका भी दे रखा है। लेकिन चालू शिक्षा सत्र के चार माह बीत जाने के बाद भी अभी तक महज बडोखर विकास खंड के दस विद्यालयों हटेटी पुरवा, बडोखर, चट-चटगन, पडुई, डडियन पुरवा, खैराड़ा आदि को ही फर्नीचर उपलब्ध कराया जा सका है। शेष विद्यालयों में बच्चे आज भी टूटी -फूटी में बैठकर शिक्षा अध्ययन कर रहे है। ट्रकों की हड़ताल से बाधित हुई आपूर्ति सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक अर¨वद अस्थाना का कहना है कि ट्रकों की हड़ताल के कारण स्कूलों में फर्नीचर की आपूर्ति बाधित हुई है। हड़ताल के खत्म होने
के बाद स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध करा दिया जाएगा। आपूर्तिकर्ता को बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा फर्नीचर आपूर्ति में देरी के लिए कड़ी चेतावनी दी गई है। 15 अगस्त के पूर्व सभी चयनित विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए है।