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बलरामपुर : ऐसे तो अंग्रेजी में दक्ष होने से रहे नौनिहाल

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ऐसे तो अंग्रेजी में दक्ष होने से रहे नौनिहाल

बलरामपुर : भले ही नीति आयोग जिले के शैक्षिक पिछड़ेपन का कलंक मिटाने के लिए गंभीर हो लेकिन, शिक्षकों की कमी उसकी मंशा पर पानी फेर रही है। जिले के प्राथमिक विद्यालयों के नौनिहालों को अंग्रेजी में दक्ष बनाने के लिए चालू शिक्षा सत्र में 41 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम शिक्षा के लिए चयनित किया गया है। अगस्त बीतने में दस दिन शेष हैं लेकिन, अब तक बच्चों को किताबें तक नसीब नहीं हो सकी हैं। वहीं नगर क्षेत्र में पांच इंग्लिश मीडियम मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षक की तैनाती नहीं की गई। ऐसे में परिषदीय स्कूलों के नौनिहालों को कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी में ककहरा सिखाने की योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि शासन से पुस्तकें मिलते ही उपलब्ध करा दी जाएंगी। अंग्रेजी शिक्षकों की तैनाती के लिए ब्योरा तलब किया जा रहा है।

पुराने ढर्रे पर दी जा रही तालीम :

- अब तक जिले के सभी नौ ब्लॉकों में एक-एक विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम शिक्षा की व्यवस्था थी। नवीन सत्र में 50 स्कूलों में नौनिहालों को अंग्रेजी में तालीम दी जानी है। मॉडल स्कूल के रूप में विकसित होने वाले इन स्कूलों में'हमारा पर्यावरण'व विज्ञान की पुस्तक'परख'अंग्रेजी अनुवाद में मिलनी है। साथ ही अंग्रेजी के शिक्षक की तैनाती व टीएलएम उपलब्ध कराना है। जबकि अगस्त बीतने को है लेकिन, अंग्रेजी माध्यम की किताबें नहीं आई। ऐसे में बच्चों को पुराने ढर्रे पर तालीम दी जा रही है। सूत्रों की मानें तो अधिकांश स्कूलों में संसाधनों व शिक्षकों की जांच किए बिना ही मॉडल स्कूल के रूप में चयनित कर लिया गया। जबकि नवाचार के जरिए उत्कृष्ट शिक्षा देने वाले स्कूलों को इससे वंचित कर दिया गया।

यहां नहीं हैं अंग्रेजी शिक्षक : - नवीन सत्र में नगर क्षेत्र के कन्या प्रावि पूरबटोला, चिकनी, अचलापुर, कंपोजिट व प्रावि प्राचीन उतरौला को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया गया है। जबकि इन स्कूलों में अंग्रेजी के शिक्षक की तैनाती ही नहीं है। प्राथमिक विद्यालय अचलापुर एकल शिक्षक के सहारे संचालित है। कमोवेश यही हाल अन्य स्कूलों का भी है।

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