समर्पण से बदल दी विद्यालय की तस्वीर
-सुशिक्षित समाज- -14 वें वित्त के धन का सदुपयोग कर प्राथमिक विद्यालय को बना दिया आदर्श विद्यालय...
-सुशिक्षित समाज-
-14 वें वित्त के धन का सदुपयोग कर प्राथमिक विद्यालय को बना दिया आदर्श विद्यालय
संवादसूत्र, विशुनपुर (बाराबंकी) : हौसला, जुनून और समर्पण की भावना हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। यह साबित कर दिखाया है पवैय्याबाद के प्रधान अवधेश वर्मा ने। जिन्होंने अपने वित्तीय संसाधनों से गांव के प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी। रंग बिरंगा चाइल्ड फ्रेंडली भवन, मखमली घास और फूलों से भरा लान, इंटरलॉ¨कग मार्ग, दीवारों पर सचित्र लिखे सद्वाक्यों से विद्यालय का परिवेश बदल रहा है। बदले माहौल और शिक्षण में सुधार के चलते विद्यालय में छात्रों की संख्या भी बढ़ने लगी है।
विकास खंड देवा के पवैय्याबाद के युवा प्रधान खुद स्नातक तक शिक्षित हैं। बच्चों की शिक्षा को लेकर वह हमेशा जागरूक रहते हैं। गांव के प्राथमिक विद्यालय की जर्जर हालत देखकर उन्होंने इसे नया स्वरूप देने की ठान ली। 14 वें वित्त की कार्ययोजना में शामिल कर उन्होंने गांव के विद्यालय का स्वरुप ही बदल दिया। पहले आभा हीन दिखने वाला विद्यालय भवन आज बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। विद्यालय में हरा भरा लॉन, झूले, टोटीदार नल, आधुनिक टॉयलेट जैसी सभी सुविधाएं मुहैय्या हो गयी हैं। जिससे विद्यालय में छात्रों की संख्या इस बार करीब डेढ़ गुना बढ़ गई है। संसाधनों की बदौलत विद्यालय आज क्षेत्र के कॉन्वेंट स्कूलों को मात दे रहा है। वहीं देवा ब्लॉक में विद्यालय आदर्श विद्यालयों की श्रेणी में खड़ा है।
प्रधान अवधेश वर्मा कहते हैं कि नाली, खड़ंजा के निर्माण से समाज को लाभ तो होता है, लेकिन विद्यालय पर खर्च किया गया धन दूरगामी परिणाम देता है। अवधेश की योजना गांव के विद्यालय में जल्द ही फर्नीचर और लाइब्रेरी की स्थापना की भी है। अवधेश कहते हैं कि विद्यालय में बढ़ती छात्र संख्या से शिक्षक भी काफी उत्साहित हैं और शिक्षण का माहौल भी बेहतर हुआ है।