पुरस्कार से छात्र-छात्राओं में आती है प्रतिस्पर्धा की भावना
पुरस्कार से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन होता है तो उनमें एक दूसरे से बेहतर करने को लेकर प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत ोहोती है। गायत्री परिवार के तत्वावधान में गत दिनों संपन्न हुई भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा 2017 के सफल छात्र-छात्राओं को रविवार को शक्ति पीठ ज्ञानपुर में आयोजित शिक्षक गरिमा शिविर व पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि सदानंद दुबे ने यह बातें कहीं।...
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पुरस्कार से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन होता है तो उनमें एक दूसरे से बेहतर करने को लेकर प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होती है। गायत्री परिवार के तत्वावधान में गत दिनों संपन्न हुई भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा 2017 के सफल छात्र-छात्राओं को रविवार को शक्ति पीठ ज्ञानपुर में आयोजित शिक्षक गरिमा शिविर व पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि सदानंद दुबे ने यह बातें कहीं। इस दौरान कक्षा वार प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का उद्देश्य युवाओं, विद्यार्थियों में संस्कार की भावना का सूत्रपात करना है। साथ ही ऐसी प्रतियोगिताओं से विद्यालयों के ज्ञान में भी वृद्धि होती है। अन्य वक्ताओं ने भी गायत्री परिवार की ओर से चलाये जाने वाले कार्यक्रमों पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही छात्र-छात्राओं को मन लगाकर व मेहनत के साथ पढ़ाई करने का संदेश दिया। कहा कि मेहनत व शिक्षा से ही आगे बढ़ा जा सकता है। इस दौरान कक्षा पांच से लेकर कक्षा 12 तक के स्तर पर संपन्न परीक्षा के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर रामराज ¨सह, फौजदार यादव सहित अन्य थे।