एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

फर्रुखाबाद : रसूलपुर स्कूल की जर्जर इमारत में लग रहीं कक्षाएं

0 comments

रसूलपुर स्कूल की जर्जर इमारत में लग रहीं कक्षाएं


संवाद सूत्र, कमालगंज : प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर की जर्जर इमारत में बच्चों की जान जोखिम में डालक...

संवाद सूत्र, कमालगंज : प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर की जर्जर इमारत में बच्चों की जान जोखिम में डालकर कक्षाएं लगाई जा रही हैं। प्रधानाध्यापक के कई बार शिकायत के बाद भी विद्यालय की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

ग्राम पंचायत महमदपुर अचला के मजरा रसूलपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय जर्जर है। विद्यालय के बरामदे के आगे का छज्जा काफी दिनों से क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। कक्षा-कक्षों में लोहे के जंगलों में खिड़कियां आदि नहीं है। फर्श भी टूटी है और शौचालय दुर्दशा का शिकार है। क्षतिग्रस्त शौचालय प्रयोग के लायक भी नहीं बचे हैं। विद्यालय में पंजीकृत 77 बच्चे प्रतिदिन इसी क्षतिग्रस्त इमारत में पढ़ते हैं। प्रधानाध्यापक परवेज हुसैन ने बताया क्षतिग्रस्त विद्यालय की इमारत दुरुस्त कराने के लिए एनपीआरसी से लेकर उच्च अधिकारियों तक कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। विद्यालय की मरम्मत के लिए वर्ष में मात्र पांच हजार रुपये आते हैं। इतने कम रुपयों से विद्यालय की मरम्मत नहीं हो सकती है। विद्यालय में तैनात सफाई कर्मी विद्यालय नहीं आता है, वह महमदपुर अचला गांव में काम कर चला जाता है। छज्जा टूटा है व फर्श क्षतिग्रस्त है। शौचालय भी दुर्दशाग्रस्त है, वह उपयोग के लायक नहीं है। शिक्षिकाओं व बच्चों को इधर उधर भटकना पड़ता है।

भवन प्रभारी अवधेश कुमार ने बताया बस 2004-05 में करीब 3.30 लाख की लागत से विद्यालय के भवन का निर्माण कराया था। उस समय दरवाजे खिड़की लगे हुए थे। सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त थीं। निर्माण के बाद विद्यालय की रंगाई-पुताई ठीक ढंग से नहीं की गई। छज्जा बच्चों के लटकने के कारण टूटा है। दरवाजे खिड़की लोग उखाड़ ले गए हैं। लंबा समय गुजरने के साथ ही देखरेख के अभाव में बि¨ल्डग जर्जर हो गई है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।