महराजगंज : बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशिक्षित किए गए शिक्षक
महराजगंज:विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों जिसमें शारीरिक चलन दिव्यांगता, श्रवण दिव्यांगता, वाणी दिव्यांगता, दृष्टि दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता और मानसिक रुग्णता के चिह्नांकन के संदर्भ में बीआरसी घुघली पर शनिवार को सुबह 10 बजे से पौहरिया, ढेकही, बिरैची, रामपुर बल्डीहा, चौमुखा, बेलवा टिकर, मिर्जापुर पकड़ी और भिटौली न्याय पंचायत के प्रधानाध्यापकों के लिए ट्रे¨नग का आयोजन किया गया । इस अवसर पर ट्रेनर श्रीकृष्ण तिवारी और अखंड वर्मा ने बताया कि यदि बच्चे के अंदर झटका आता हो या तेज गति से चलता हो अथवा वह अपने शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित नहीं कर पाता हो तो बच्चे के अंदर शारीरिक अथवा चलन दिव्यांगता के लक्षण पाए जा सकते है। ट्रेनर तिवारी ने बताया कि यदि बच्चा कक्षा शिक्षण के दौरान सुनने के लिए कान को आगे या पीछे करता है अथवा वार्तालाप के समय चेहरे पर पूर्णतया निर्भर रहता है तो उस बच्चे के अंदर श्रवण दिव्यांगता के लक्षण पाए जा सकते हैं । इस अवसर पर चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि यदि बच्चा किसी विशेष कौशल को सीखने में अपनी आयु वर्ग की तुलना में अधिक समय लेता है अथवा बच्चा क्रोध या आवेश को प्रदर्शित करता हो तो यह बच्चे के अंदर इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटी का लक्षण हो सकता है।
इस अवसर पर पवन कुमार पटेल, वीरेंद्र यादव, वंशलोचन यादव, राजेश कुमार उपाध्याय, मुरलीधर पटेल, ताहिर सिद्दीकी, इस्तखार अहमद, डा. धनंजय मणि त्रिपाठी, परमानंद विश्वकर्मा, कृष्णा कुमारी,पारस नाथ, राजेश चौधरी, नवीन चौधरी, सत्येन्द्र कुमार शुक्ल आदि उपस्थित रहे।