कोठरी में किताबें, अंधेरे में बच्चों का भविष्य
जहीर हसन, बागपत : टॉरगेट है पब्लिक स्कूलों को पीछे करना। इसके लिये परिषदीय स्कूलों क...
जहीर हसन, बागपत :
टॉरगेट है पब्लिक स्कूलों को पीछे करना। इसके लिये परिषदीय स्कूलों की लंबी कार्ययोजना है। अब अमल देखिए, शिक्षण सत्र आधा गुजरने का है, और 53 हजार बच्चों को पूरी किताबें तक उपलब्ध नहीं हैं। तीस फीसद किताबों की आपूर्ति नहीं मिली। बाकी 70 फीसद किताबों में कुछ अंधेरी कोठरियों में भरी हैं तो कुछ बच्चों को बांटी जा चुकी हैं। जिन बच्चों को नई किताबें नहीं मिली वे उन पुरानी किताबों में भविष्य संवार रहे हैं जो सिलेबस में ही नहीं हैं। यूं किताबें नहीं मिलने से बच्चों के लिए स्कूल पिकनिक स्पॉट बने हुये हैं।
केस-01
प्राथमिक स्कूल नंबर तीन बागपत में कक्षा तीन के 30 बच्चों को कोई किताब नहीं मिली। वहीं 117 बच्चों को हमारा परिवेश व गिनतारा के मिलने का इंतजार है। कक्षा चार के 102 बच्चों को इंग्लिश, संस्कृत, परख तथा कक्षा पांच के 69 बच्चों को गिनतारा, इंग्लिश तथा परख किताबें नहीं मिली हैं। बच्चे गत साल की उन किताब को पढ़ने नजर आए जो कोर्स से आउट हो चुकी हैं।
केस-02
प्राथमिक स्कूल निवाड़ा में कक्षा तीन के 126 बच्चों को इंग्लिश की रेनबो, कक्षा चार के 80 बच्चों को इंग्लिश रैनबो किताब नहीं मिली। दस बच्चों को कोई किताब नहीं मिली है। कक्षा पांच के 50 बच्चों को इंग्लिश की रैनबो, परख, कलरव तथा गिनतारा किताबें मिलनी बाकी हैं। हेडमास्टर नीलम यादव कहतीं हैं कि नई किताबें नहीं मिलने से चार महीने तक पुरानी किताबें पढ़ाई हैं।
केस-03
उच्च प्राथमिक स्कूल सिसाना में कक्षा छह में 52 बच्चों को मंजूरी, इंग्लिश, गणित, वर्तिका, महान व्यक्तित्व, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, पर्यावरण, कृषि व गृह विज्ञान और खेल एवं स्काउट की किताबों में कोई नहीं मिली है। पेड़ के नीचे बेंचों पर बैठे बच्चे शरारत करते दिखे। कक्षा सात में 45 बच्चों को पर्यावरण व इतिहास और कक्षा आठ के 42 बच्चों को पर्यावरण तथा खेल एवं स्काउट की किताब नहीं मिली।
इंग्लिश मीडियम स्कूल ऐसा तो बाकी कैसे होंगे?
प्राथमिक स्कूल नंबर एक सिसाना इंग्लिश मीडियम है। कुल 215 बच्चों में कक्षा कक्षा एक में कलरव को छोड़कर बाकी चार कक्षाओं में किसी बच्चे को आज तक कोई किताब नहीं मिली हैं। प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार नैन बोले कि चार माह गुजर गए हैं, लेकिन किताब मिली नहीं। पुरानी किताबों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
ये है किताबों की तस्वीर
बागपत में सभी 715 परिषदीय तथा सहायता प्राप्त स्कूलों के 91614 बच्चों के लिए सभी विषयों की कुल 543874 किताबों की खरीद का आदेश दिया गया, लेकिन अभी तक 389996 किताबों की ही आपूर्ति हुई है। यानी तीस फीसद किताबों के आने का अभी इंतजार है।
किताबों से वंचित बच्चे
कक्षा बालक
तीन 11603
चार 09786
पांच 08813
छह 11850
सात 11315
आठ 11216
इन्होंने कहा..
जो किताबें अभी नहीं बंटी, उनका सत्यापन होना है। काफी किताबें बच्चों को मिल चुकी हैं। कुछ किताबों की अभी आपूर्ति नहीं हुई है। किताबों के मिलते ही बच्चों को बंटवा देंगे।
-चंद्रकेश ¨सह, बीएसए।