हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच करने पहुंचे बीएसए
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद में पिछले वर्ष हुई 15000 व 16448 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में व्यापक पैमाने पर हुई धांधली के मामले में शिक्षक छोटेलाल के फर्जी अंक पत्र की जांच करने के लिए शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय गांधी पीजी कालेज मालटारी पहुंचे। उन्होंने शिक्षक के आवेदन के साथ लगाए गए अंक पत्र और महाविद्यालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र की गहन जांच की। जांच के बाद बीएसए इसी आधार पर फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई करेंगे। इसी के साथ ही अन्य फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा।
अटल जी की अस्थियां राजघाट पर विसर्जित की जाएंगी आज
वर्ष 2016 में बीएसए कार्यालय द्वारा 15000 व 16448 शिक्षक भर्ती निकली थी। इसमें 15000 शिक्षक भर्ती में मेरिट कम होने की वजह से तमाम शिक्षक नियुक्ति पाने से वंचित हो गए थे। इसके बाद सैकड़ों अभ्यर्थियों ने विकलांग प्रमाण पत्र व फर्जी अंक पत्र के आधार पर 16448 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पा लिया। भाजपा गोरखपुर के क्षेत्रीय मंत्री व पूर्व जिलाध्यक्ष सहजानंद राय ने इसकी शिकायत तत्कालीन मंडलायुक्त से की थी। तत्कालीन मंडलायुक्त ने पूरे मामले की जांच करवाने का निर्देश तत्कालीन जिलाधिकारी को दिया था। जिलाधिकारी ने जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. अर्चना ¨सह व अपर सांख्यिकी अधिकारी सुनील ¨सह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच में सच उजागर होने पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश भी हो गया था। प्रथमदृष्टया जांच में फर्जी अंक पत्र के आधार पर नियुक्ति पाए सैकड़ों प्राथमिक शिक्षक चिह्नित भी कर लिए गए थे। यही नहीं, कु. शिवमुनि यादव पुत्री बसंत यादव, ऊषा पुत्री रामनिवास, प्रभाकर मिश्रा पुत्र श्रीनाथ मिश्रा, छोटेलाल पुत्र बलिकरन व रमेश पुत्र मिट्ठू यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश भी हो गया था। इस बीच मामला हाईकोर्ट में चला गया। इसकी वजह से मामला लटक गया था। हाईकोर्ट ने दोबारा जांच का निर्देश बीएसए को बहुत पहले ही दिया था लेकिन बीएसए कोई निर्णय नहीं ले पाए थे। अब हाईकोर्ट के सख्त रवैये की वजह से बीएसए शुक्रवार को छोटेलाल के अंकपत्र की जांच करने के लिए गांधी पीजी कालेज मालटारी पहुंचे। आरोप है कि छोटेलाल ने स्नातक का जो अंक पत्र लगाया था वह फर्जी है। अब बीएसए की जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय हो पाएगी। इसी के साथ नियुक्ति में फर्जी पाए गए सभी शिक्षकों पर कार्रवाई लगभग तय हो जाएगी।