मैनपुरी : पुलिस के खौफ से दहशत में फर्जी शिक्षक
मैनपुरी । बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले 31 शिक्षकों के गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पुलिस के खौफ से फर्जी शिक्षक दहशत में आ गए हैं। सोमवार को कई फर्जी शिक्षक बीएसए कार्यालय में भी नजर आए। कई शिक्षक कानून के जानकारों से भी इस गिरफ्तारी से बचने की जुगत बनाने में जुट गए हैं। हालांकि मामला बेहद संगीन होने के कारण इन फर्जी शिक्षकों का बच पाना बेहद मुश्किल है, लेकिन फिर भी ये फर्जी शिक्षक पुलिस से बचने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाने में जुट गए हैं।
फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी वांरट जारी होने खबर छपने के बाद सोमवार को इन शिक्षकों में खलबली मच गई। 15 महीने पहले बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षक पात्रता परीक्षा के फर्जी प्रमाण-पत्र होने के आरोप में 31 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था। इन शिक्षकों के खिलाफ थाना कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। जुलाई में एफआईआर दर्ज होने के बाद से पुलिस की अपराध शाखा इस प्रकरण की जांच कर रही है। जांच के दौरान कोई भी शिक्षक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया और न ही किसी ने अभी तक न्यायालय ने आत्मसमर्पण किया। चूंकि शिक्षा विभाग से मामला जुड़े होने के कारण पुलिस भी इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी। एक साल से अधिक समय बीतने के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले की तहकीकात कर ली है। तहकीकात के बाद जारी हुए इन फर्जी शिक्षकों के वारंट से अब इन फर्जी शिक्षकों में खलबली मची हुई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए इन फर्जी शिक्षकों ने अपनी गोटें बिछाना शुरू कर दी है।
बेहद शातिर किस्म के हैं कई फर्जी शिक्षक
फर्जी शिक्षक में से कई ऐसे शिक्षक हैं जो बेहद शातिर किस्म के हैं। खुद तो फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर ही रहे थे। इन्होंने अपनी सेटिंग के बलवूते कई और लोगों को फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे नौकरी दिलाई है। शातिर किस्म के ये कई फर्जी शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग के कई तत्कालीन बीएसए से भी बेहद नजदीक रहे हैं।
पत्रावली गायब हुई थी गायब
मई 2017 में जैसे ही तत्कालीन बीएसए ने इन शिक्षकों की जांच शुरू की तो आधा दर्जन से अधिक शिक्षकों की भर्ती पत्रावली गायब हो गई थी लेकिन बीएसए रहे रामकरन यादव ने विभाग के ही बाबुओं पर भी शिकंजा कसना शुरू किया तो ये पत्रावली मिल गईं थीं।
बीएसए कार्यालय पर टूटा था ताला
फर्जी शिक्षक जांच के दौरान कुछ शातिर किस्म के लोगों ने पुराने बीएसए कार्यालय में एक कमरे का ताला भी तोड़ दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि इस कमरे में कुछ पत्रावलियां रखीं होगी जिन्हें वह गायब कर देंगे लेकिन शिक्षक भर्ती से संबंधित उस कमरे में कोई पत्रावली थी ही नहीं।
नौ शिक्षक भर्तियों की भी जांच
जिले में अभी बड़ी तादाद में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों का अंदेशा है। सरकार ने 2010 के बाद हुई 9 शिक्षक भर्तियों की भी जांच करने का फैसला एक महीने पहले लिया था। इस भर्ती जांच में डीएम के नेतृत्व में टीम का गठन हो चुका है। यह जांच भी एडीएम, एएसपी और बीएसए संयुक्त रूप से करेंगे। उम्मीद है कि इन भर्तियों में भी बड़ी संख्या में फर्जीबाड़ा होने का अंदेशा है।
31 के बाद 81 की धड़कनें तेज
31 फर्जी शिक्षकों की हिंदुस्तान में खबर छपने के बाद एसआईटी जांच में पकड़े गए 81 शिक्षकों की भी धड़कने तेज हो गई हैं। उन्हें भी लग रहा है कि कहीं उनकी बर्खास्तगी भी इसी तरह न हो जाए। एसआईटी जांच तो इन शिक्षकों के बीएड प्रमाण-पत्र फर्जी घोषित कर चुकी है, लेकिन न्यायालय से फिलहाल इन्हें राहत मिली हुई है। हालांकि इन पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
नौकरी लगवाने को रैकेट सक्रिय
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी लगवाने का एक रैकेट पिछले 10 सालों से मैनपुरी के अलावा अन्य आसपास के जनपदों में सक्रिय है। यह रैकेट 500 से अधिक लोगों को फर्जी प्रमाण-पत्र बनवाकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बेसिक शिक्षा विभाग में लगवा चुका है। सूत्र बताते हैं कि इस रैकेट के लोग कई बीएसए से भी मधुर संबंध रखते हैं।