रक्तस्त्राव से प्रसूता शिक्षामित्र की हालत बिगड़ी, मौत
संवाद सहयोगी, राठ (हमीरपुर) : साधारण प्रसव होने के बाद अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से रक्तस्त्राव होने से प्रसूता की हालत बिगड़ गई। उसे झांसी रेफर कर दिया गया लेकिन प्रसूता ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिजन ने अस्पताल कर्मियों की बेपरवाही से अधिक खून निकल जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। पति की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात अस्पताल कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया।
मूल रूप से सरीला क्षेत्र के घुरौली गांव निवासी शिक्षक रामकुमार पाल परिवार सहित पठानपुरा मोहल्ला में रहते हैं। उनकी पत्नी बालकुंवर (30) प्राथमिक विद्यालय बीरा गांव में शिक्षामित्र थीं। रामकुमार ने बताया कि प्रसव पीड़ा पर बालकुंवर को रविवार शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जहां मौजूद स्टाफ ने नार्मल डिलीवरी की बात कही। बालकुंवर ने शाम को ही सामान्य प्रसव के बाद शिशु को जन्म दिया। वहां अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से रक्तस्त्राव होने लगा। डेढ़ घंटे बाद जब हालत बिगड़ने लगी तो उसे झांसी रेफर कर दिया, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम को भेजा।
शव रखकर लगाया जाम
मौत के बाद आक्रोशित परिजन ने सोमवार सुबह साढे़ पांच बजे बालकुंवर का शव रखकर आंबेडकर चौराहे पर जाम लगा दिया और अस्पताल कर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। जाम की सूचना पर एसडीएम सुरेश मिश्रा, सीओ अभिषेक यादव आए और परिजन को समझा बुझाकर आरोपितों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। तब जाकर करीब चार घंटे बाद जाम खुला। इसके बाद पति की तहरीर पर अस्पताल कर्मियों पर अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया गया।
कर्मचारी भागे, भर्ती मरीजों की हालत खराब
घटना के बाद अस्पताल स्टाफ के लोग वहां से भाग गए। इधर भर्ती चिल्ली गांव की प्रसूता सुमन ¨सह, जरिया गांव की सुनीता और स्यावरी गांव की साधना लोधी ने बताया कि रात भर कोई देखने तक नही आया जिससे काफी परेशानियां हुई। कई गर्भवती प्रसव को आई पर स्टाफ न होने से उन्हें निजी अस्पतालों में जाना पड़ा।
''मैं बाहर हूं। मामले की जानकारी है। पोस्टमार्टम के बाद सच का कारण ज्ञात हो सकेगा। स्टाफ पर दोष सिद्ध हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- डा. आरपी वर्मा, प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र