नई पहल, गुरुजी जैसा पढ़ाएंगे, उसका वीडियो भी बनाएंगे
वाराणसी । तकनीक की मदद से शिक्षण पद्धति में निखार लाने के लिए एक और अभिनव पहल शुरू की जा रही है। इसके तहत प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों को अपनी क्लास टीचिंग का वीडियो बनाना होगा। वीडियो आधे घंटे का होगा। सर्वश्रेष्ठ वीडियो पुरस्कृत होगा। प्रतियोगिता सभी विषयों के शिक्षकों के लिए होगी। पहले चरण में हिन्दी विषय का चुनाव किया गया है।
सारनाथ स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) ने 25 जुलाई को एक कार्यशाला आयोजित की थी। इसमें चुनिंदा शिक्षकों को प्रतियोगिता की जानकारी दी गई थी। डायट के प्राचार्य और एडी (बेसिक) उमेश कुमार शुक्ला ने कहा कि प्रतियोगिता का मकसद शिक्षण पद्धति में निखार लाना है। सर्वश्रेष्ठ वीडियो के माध्यम से दूसरे शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है।
प्रतियोगिता में प्रतिभागी शिक्षकों को पहले ब्लाक स्तर पर अपना वीडियो जमा करना होगा।। ब्लाक स्तर पर गठित समिति उनमें से कुछ अच्छे वीडियो का चयन करेगी। चयनित वीडियो के शिक्षक किसी एक वीडियो का चयन और उसकी कमियों को दूर करेंगे। इस तरह सभी ब्लॉक और नगर क्षेत्र से वीडियो का चयन किया जाएगा। जिलास्तर पर गठित समिति इन चयनित वीडियो में से किसी एक चुनाव सर्वश्रेष्ठ वीडियो के रूप में करेगी।
डायट प्राचार्य के मुताबिक इस वीडियो को एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ टीचिंग रिसर्च इस्टीट्यूट) की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इससे दूसरे जिलों के शिक्षकों को भी मदद मिलेगी। वीडियो का समय आंधे घंटे का समय इसलिए रखा गया है ताकि क्लास टीचिंग का पूरा खाका सामने आ सके। अभी जो वीडियो उपलब्ध हैं, उनकी अवधि बहुत कम है। इससे शिक्षण कौशल पूरी तरह प्रदर्शित नहीं हो पाता है। आधे घंटे की अवधि में कमियां भी सामने आएंगी।