शहर के पब्लिक स्कूल बंद, विरोध प्रदर्शन
हिन्दुस्तान टीम, मुरादाबाद । गांधी नगर पब्लिक स्कूल में फीस के लिए बच्चों को बंधक बनाने के प्रकरण पर स्कूल प्रशासन व अभिभावक आमने-सामने आ गए हैं। गांधी नगर पब्लिक स्कूल प्रकरण को लेकर इंडीपेंडेंट स्कूल्स वेलफेयर सोसायटी उतर आई है। दूसरी ओर अभिभावकों के समर्थन में शिव सेना व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करके स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।
गुरुवार को ही शहर के तमाम पब्लिक स्कूल बंद रखने का ऐलान कर दिया गया था। तय कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को शहर के लगभग सभी स्कूल बंद रहे। वेलफेयर सोसायटी के नेतृत्व में शहर के प्रमुख स्कूलों की प्रबंध समिति व प्रिंसिपल ने पहले जिला विद्यालय निरीक्षक प्रदीप कुमार द्विवेदी व इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम राकेश कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा।
फीस के लिए रोका था परीक्षा देने से
गांधी नगर पब्लिक स्कूल में फीस जमा न होने के चलते बच्चों को परीक्षा देने से रोक दिया गया था। इसके साथ ही बच्चों को काफी देर तक बंधक बनाए रखा था। कुछ बच्चों की तबीयत भी खराब हो गई थी। जानकारी होने पर स्कूल पहुंचे अभिभावकों ने इस पर विरोध जताते हुए हंगामा किया था। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ था। स्कूल व अभिभावकों का पक्ष जानने के लिए मौके पर एसीएम फर्स्ट विनीता सिंह पहुंची थीं। इसके बाद से ही स्कूल व अभिभावकों के बीच तनातनी का माहौल बन गया था।
डीआईओएस से मिले स्कूल प्रिंसिपल
पब्लिक स्कूलों के प्रिंसिपल ने शुक्रवार को डीआईओएस प्रदीप कुमार द्विवेदी से मुलाकात की। स्कूल की समस्याओं के बारे में बताया। इसके साथ ही फीस रिकवरी को लेकर आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। वेलफेयर सोसायटी के महासचिव नीरज कुमार गुप्ता ने बताया कि डीआईओएस ने फीस के संदर्भ में विद्यार्थियों की डायरी में नोटिस लिखकर भेजने की बात कही। इस पर स्कूलों ने कहा कि सभी सूचनाएं डायरी में भी लिखवाई जाती हैं। इसके बावजूद फाइनल एग्जाम होने तक भी कई बार फीस रिकवरी नहीं हो पाती। डीआईओएस ने इस पर रजिस्टर्ड डाक से फीस जमा करने की सूचना अभिभावकों तक पहुंचाए जाने की बात कही।
जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
स्कूलों के प्रिंसिपल ने डीएम राकेश कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। स्कूलों की समस्याओं से अवगत कराया। गांधी नगर पब्लिक स्कूल में हुए प्रकरण की निंदा कर चिंता जताई। जिलाधिकारी ने स्कूलों की समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने वालों में वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष शिरीन संतराम, नीरज कुमार गुप्ता, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. जी कुमार, पीएमएस के प्रिंसिपल मैथ्यूज, कुलभूषण ऐरियल, आशीष संतराम, भावना दयाल, विपिन जेटली, अनिल अग्रवाल आदि शामिल रहे।
स्कूलों के खिलाफ गरजे सामाजिक संगठन
स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शुक्रवार को शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया। शिव सेना ने वीरेंद्र अरोड़ा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा। गांधी नगर पब्लिक स्कूल के प्रबंधक व प्रिंसिपल के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की मांग की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करके स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की बात कही। प्रदर्शन में सचिन चौधरी, शिवम शर्मा, शिवा शर्मा, चकित चौधरी आदि शामिल रहे। राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दमन परिषद की ओर से राजकुमार गौतम, अनिल कुमार शर्मा, मनीष प्रताप ने स्कूलों के खिलाफ विरोध जताया। अभिभावक कल्याण समिति की आंबेडकर पार्क में हुई बैठक में योगेश कुमार, आशु शर्मा, अमित मैसी, हरीश कुमार सिंह, सुमित, धीरेंद्र कुमार आदि ने विरोध जताया। यूपी पैरेंट्स यूनियन की ओर से मोहम्मद अनस ने विरोध जताया। भारत सेवा समिति ने गांधी नगर पब्लिक स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की। मो रजी, अनवर अंसारी, भगवान दास दिवाकर, फुरकान अंसारी, जकी मलिक, हुकुम सिंह, सलमान मंसूरी, आलम चौधरी आदि शामिल रहे। अखिल भारतीय आंबेडकर युवक संघ की ओर से महावीर प्रसाद मौर्य ने वर्ष 2010 से स्कूलों की आय-व्यय का ब्यौरा चेक कराए जाने की मांग की। मुरादाबाद मंडल विकस समिति की ओर से अख्तर अहमद खां, शराफत अली, मो तारिक, तसलीम सैफी ने विरोध जताया।
स्कूलों से निराश लौटे बच्चे
स्कूलों की आकस्मिक बंदी के चलते शुक्रवार को तमाम पब्लिक स्कूलों के बच्चे परेशान रहे। नियत समय पर बच्चे स्कूल पहुंचे लेकिन स्कूलों बंद मिलने पर निराशा हाथ लगी। अभिभावकों को भी खासी परेशानी हुई। बच्चों को स्कूल लेकर पहुंचने वाले अभिभावक यही कहते नजर आए कि आखिर एक स्कूल के हंगामे के चलते सभी स्कूलों को बंद करने का क्या औचित्य है।
स्कूल बंद करना ठीक नहीं: डीएम
पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिध मंडल ने डीएम से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा। डीएम ने कहा कि हड़ताल किसी चीज का रास्ता नहीं। एक स्कूल में कोई मामला होता है तो सभी स्कूल बंद करना कहां तक उचित है। बात रखने के और भी तरीके हैं। डीएम राकेश कुमार सिंह ने कहा कि ज्ञापन देने में मनाही नहीं है मगर स्कूल क्यों बंद किए। आपकी बात सुनी जाती है और सुनी जाएगी पर फीस न जमा करने पर किसी को परीक्षा से रोकना नहीं चाहिए। यही काम पहले भी किया जा सकता था परीक्षा के दिन बच्चों को रोकना कहां तक उचित है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी अपनी बात प्रापर तरह से रखना चाहिए। स्कूल और अभिभावकों में बेहतर तालमेल बनाना चाहिए ताकि बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर किसी तरह का असर न हो। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीएम के सक्षम अभिभावकों द्वारा अभद्रता की बात रखी।